Nobel prize winner आंग सान सू को जेल: Nobel prize winner म्यांमार की नेता आंग सान सू को कोर्ट ने सुनाई 4 साल की सजा, सेना के खिलाफ भड़काने का आरोप
लोकतंत्र की समर्थक और नोबेल पुरस्कार विजेता म्यांमार की नेता आंग सान सू को 4 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। म्यांमार की कोर्ट ने उन्हें सेना के खिलाफ असंतोष भड़काने के साथ ही कोरोना नियम तोड़ने का दोषी माना है।
नई दिल्ली, एजेंसी। Nobel prize winner
लोकतंत्र की समर्थक और नोबेल पुरस्कार विजेता म्यांमार की नेता आंग सान सू को 4 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
म्यांमार की कोर्ट ने उन्हें सेना के खिलाफ असंतोष भड़काने के साथ ही कोरोना नियम तोड़ने का दोषी माना है।
इनता ही नहीं, आंग सान सू के खिलाफ म्यांमार में कई मुकदर्म दर्ज है, जिनकी सुनवाई चल रही है।
बताया जा रहा है कि सान सू पर मतदान में धांधली के साथ भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए गए है।
हालांकि फिलहाल सेना ने आंग सान सू की को दो मामलों में दोषी माना है।
सैन्य शासन के खिलाफ आवाज उठाने वालों में सू का भी नाम है।
इसी के चलते उनकी लोकप्रियंता आज भी कम नहीं हुई।
Nobel prize winner
आपको बता दें कि म्यांमार में इस साल 1 फरवरी 2020 की रात को सेना ने तख्तापलट कर सू की को हाउस अरेस्ट किया था।
सेना के मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग हलिंग तब से प्रधानमंत्री हैं।
आम चुनाव कराए जाएंगे तब तक प्रधानमंत्री रहेंगे। इस तख्तापलट के बाद म्यांमार में खूनी संघर्ष हो गया, इसमें 900 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
इस दौरान म्यांमार की अर्थ व्यवस्था पूर्ण रूप से सेना के कब्जे में आ गई। म्यांमार में नवंबर 2020 में आम चुनाव हुए थे।
इसमें आंग सान सू की की पार्टी बहुमत में आ गई।
सान सू की की पार्टी ने लोअर हाउस में 330 में से 258 तथा अपर हाउस की 168 में से 138 सीटें जीतीं थी। नतीजे आने के बाद सेना ने इस पर सवाल खड़े कर दिए और सू की की पार्टी पर धांधली करने का आरोप लगाया गया।
सेना ने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति तथा चुनाव आयोग की शिकायत की। इसके बाद वहां की सरकार के साथ सेना के बीच मतभेद शुरू हो गया।
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