सुपुर्द ए खाक हुए दिलीप कुमार: बॉलीवुड अभिनेता मोहम्मद यूसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार को मुंबई पुलिस ने दी आखिरी सलामी,कब्रिस्तान में किया सुपुर्द ए खाक

आज बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का निधन हो गया। बुधवार सुबह करीबन 7:30 बजे मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में दिलीप साहब ने अंतिम सांस ली। इसके बाद बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार को मुंबई के जुहू कब्रिस्तान में सुपुर्द ए-खाक किया गया। उनके शव को कब्र में रखकर मिट्टी डाली गई है।

बॉलीवुड अभिनेता मोहम्मद यूसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार को मुंबई पुलिस ने दी आखिरी सलामी,कब्रिस्तान में किया सुपुर्द ए खाक

मुंबई।
आज बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार (Actor Dilip Kumar) का निधन हो गया। बुधवार सुबह करीबन 7:30 बजे मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में दिलीप साहब ने अंतिम सांस ली। इसके बाद बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार को मुंबई के जुहू कब्रिस्तान में सुपुर्द ए-खाक किया गया। उनके शव को कब्र में रखकर मिट्टी डाली गई है। वहीं मुंबई पुलिस के जवानों ने फायर कर दिलीप कुमार को आखिरी सलामी दी है। दिलीप कुमार 98 साल के थे और उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने पर 29 जून को भर्ती किया गया था। दिलीप साहब के इंतकाल की सूचना के बाद दोपहर में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शाहरुख खान सहित कई दिग्गज दिलीप साहब को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे। दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान(Mohd Yusuf Khan) था।


दिलीप साहब का फिल्मी सफर, 1944 में ज्वार भाटा फिल्म
यूसुफ खान का फिल्मी सफर उनके नाम बदलने के साथ शुरू हुआ। यूसुुफ से दिलीप कुमार बनने का मुख्य कारण उनके पिता थे। दिलीप साहब के पिता नहीं चाहते थे कि वे फिल्मों में काम करें, इसके चलते उनके पिता के डर से उन्होंने नाम बदल लिया। इसके बाद 1944 में शुरू हुआ फिल्मों का सफर जो एक के बाद एक शानदार हिट होती गई। दिलीप कुमार ने पांच दशक के करियर में करीब 60 फिल्मों में काम किया था। उनके बारे में एक बात और कही जाती है कि उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों को ठुकरा दिया था, क्योंकि उनका मानना था कि फिल्में कम हों, लेकिन बेहतर हों। कई लोग बताते हैं कि उन्हें इस बात का मलाल रहा था कि वे ‘प्यासा’ और ‘दीवार’ में काम नहीं कर पाए। उनकी कुछ हिट फिल्मों में 'ज्वार भाटा' (1944), 'अंदाज' (1949), 'आन' (1952), 'देवदास' (1955), 'आजाद' (1955), 'मुगल-ए-आजम' (1960), 'गंगा जमुना' (1961), 'क्रान्ति' (1981), 'कर्मा' (1986) और 'सौदागर' (1991) शामिल हैं।


देश विदेश की की हस्तियों ने शोक जताया
दिलीप साहब के निधन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दिलीप कुमार के निधन पर शोक जताया। विद्या बालन अपने पति सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ दिलीप कुमार के घर पहुंचीं। कुछ देर बाद एक्टर अनुपम खेर भी यहां अंतिम दर्शन के लिए आए। सलमान खान ने दिलीप कुमार के निधन पर दुख जताया। सलमान ने दिलीप कुमार के साथ की अपनी एक पुरानी फोटो भी सोशल मीडिया पर साझा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि दिलीप कुमार जी सिनेमा लेजेंड के तौर पर हमेशा याद रहेंगे। उनका जाना हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए नुकसान है। प्रधानमंत्री ने दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो से भी फोन पर बात करके शोक संवेदना व्यक्त की है।

पेशावर में हुआ था जन्म
दिलीप साहब का जन्म 11 दिसंबर 1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई नासिक में की थी। करीब 22 साल की उम्र में ही दिलीप कुमार को पहली फिल्म मिल गई थी। 1944 में उन्होंने फिल्म ज्वार भाटा में काम किया था, लेकिन यह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी।

​फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित दिलीप साहब 
फिल्मी दुनिया में दिलीप साहब को कई पुरस्कार मिले। बताया जा रहा है कि 1983 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - शक्ति,1968  फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार  राम और श्याम, 1965 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - लीडर,1961 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार कोहिनूर, 
1958 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार नया दौर, 
1957 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार देवदास,
1956 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार आज़ाद,
1954 फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार दाग,
2014 किशोर कुमार सम्मान अभिनय के क्षेत्र में दिया गया।

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