Jalore @ शिक्षक का सराहनीय प्रयास: जालोर चितलवाना के टांपी सरकारी विद्यालय में प्रधानाचार्य के 4 सालों के प्रयास रंग लाए,विद्यालय में नामांकन हजार पार
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय टांपी स्कूल के प्रधानाचार्य धर्मेश कुमार खरिया ने स्कूल की नई तस्वीर बदलने का इरादा लेकर कदम बढ़ाया। प्रधानाचार्य कहते हैं कि इस क्षेत्र में शिक्षा ज्ञान का बहुत ही अभाव है
चितलवाना।
कहते हैं कि सफलता के लिए कोई नया काम नहीं करना है, अपने काम को पूरे विश्वास के साथ नए ढंग से करना है। इससे कठिन से कठिन लक्ष्य सहजता से भी पूरा हो सकता है। इसी सकारात्मक सोच को लेकर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय टांपी स्कूल के प्रधानाचार्य धर्मेश कुमार खरिया ने स्कूल की नई तस्वीर बदलने का इरादा लेकर कदम बढ़ाया। प्रधानाचार्य कहते हैं कि इस क्षेत्र में शिक्षा ज्ञान का बहुत ही अभाव है इसलिए उनका मुख्य उद्देश्य है कि नेहड़ अंचल के परिवारों के विद्यार्थियों को भी शहरी मॉडल स्कूलों के बच्चों की तरह सुविधाएं एवं शिक्षा का माहौल मिले एवं शिक्षा के क्षेत्र में नए नवाचारों के दम पर समाज में सरकारी शिक्षकों के प्रति सोच बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
जो आपके अभी समक्ष है सत्र 17-18 में नामांकन 650 के करीब था।प्रधानाचार्य,शिक्षकों,एसएमसी, एसडीएमसी सदस्यों अभिभावकों ग्राम वासियों के सकारात्मक सहयोग एवं मेहनत से नामांकन का कारवां वर्तमान में हजार के पार पहुंच चुका है। आपको बता दें कि चितलवाना उपखंड का यह एकमात्र पहला विद्यालय है। जिसने एक हजार नामांकन का आंकड़ा छुआ है। जिले में भी टॉप 10 की रैंक में आठवीं स्थान पर काबिज हुआ है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रधानाचार्य के नेतृत्व में ग्राम पंचायत के साथ नजदीकी ग्राम पंचायत के घर घर पहुंच कर संपर्क अभियान चलाया उसका नतीजा यह निकला सांचौर चितलवाना उपखंड क्षेत्र के विद्यालयों के लिए मिसाल बन चुका है। गत वर्षों से बोर्ड परीक्षा का परिणाम भी शत प्रतिशत रहा प्रतिभाओं ने जिला स्तर पर अपना स्थान हासिल किया।
जिसकी बदौलत बोर्ड परीक्षा 2020 में जोशना कुमारी माली इंदिरा प्रियदर्शनी अवार्ड जीत कर जिले में दसवीं बोर्ड छात्रा वर्ग में प्रथम स्थान पर कब्जा जमाया साथ ही कई प्रतिभाओं ने राज्य सरकार द्वारा योजनाओं का लाभ मिला जिसमें मुख्य रुप से गार्गी,इंदिरा प्रियदर्शनी,साइकिल,स्कूटी, लैपटॉप विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति एवं पुरस्कारों से लाभान्वित हुई। इन खूबियों के साथ-साथ प्रधानाचार्य के कुशल प्रबंधन की छवी इतनी मिसाल बन चुकी कि 10- 15 किलोमीटर की दूरी से अध्ययन करने आते विद्यार्थी नजदीक बाड़मेर जिले के कई गांव के विद्यार्थी के साथ-साथ चितलवाना पंचायत समिति के दुठवा,डूंगरी,सूराचंद, भीमगुड़ा, सूथड़ी,खासरवी सहित अड़ोस पड़ोस गांव के छात्र प्राइवेट स्कूल छोड़ कर टांपी के सरकारी स्कूल में प्रवेश लिये। इस विद्यालय में शत-प्रतिशत परिणाम के साथ कला संकाय एवं विज्ञान संकाय का संचालन किया जा रहा है।
सरकारी विद्यालय में सुविधाएं निजी से अधिक
यूं तो यह सरकारी विद्यालय क्षेत्र के निजी विद्यालयों से बढ़कर है। समस्त विद्यालय परिसर सहित कमरों में सीसीटीवी कैमरे,कैरियर गाइड, प्रोजेक्टर के माध्यम से स्मार्ट लाइव शिक्षण व्यवस्था,विद्यालय समय से अतिरिक्त कक्षाएं, हर मास अभिभावक मीटिंग, विशाल खेल मैदान, बास्केटबॉल मैदान सहित विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिता में जिले स्तर पर अग्रणी रहते हुए से क्रियाओं का मुख्य आकर्षण है। मिशन मेरिट व समान व्यवहार व समस्त परिसर में कैमरे लगे हैं। जिनसे विद्यालय की हर गतिविधियों का प्रबंधन किया जाता है।जिसका एसएमसी व एसडीएमसी के सदस्य शिक्षण व्यवस्था की पूरी जानकारी लेते हैं। उसके अनुरूप आगे की रूपरेखा का ढांचा तैयार करते हैं।
विद्यालय के शिक्षक स्कूल को अपना परिवार समझकर इस विद्यालय के समय के अलावा और अवकाश के समय में भी विद्यालय विकास के प्रति सजग दिखाई देते हैं। इसकी बदौलत विद्यालय का शिक्षा के साथ-साथ नामांकन बढ़ोतरी का परिणाम है।
धर्मेंद्र कुमार खरिया
प्रधानाचार्य रा उ मा वि टांपी चितलवाना
इनका यह कहना
सरकारी स्कूलों के शिक्षक इन दिनों नामांकन बढ़ाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। कई शिक्षक अभिभावकों के पास जाकर रिश्तेदारी का वास्ता दे रहें हैं,तो कोई स्कूल में अच्छी पढ़ाई का भरोसा दिला रहा है। गौरतलब है कि इन दिनों सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों पर नामांकन बढ़ाने के लिए विभाग के निर्देश हैं। शिक्षक अभिभावकों के डोर टू डोर जाकर संपर्क में जुटे हुए हैं। फलस्वरूप यह टांपी विद्यालय का उदाहरण है।
मंगलाराम खोखर
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी चितलवाना
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