रेलवे ने चलाएगा "ऑक्सीजन एक्सप्रेस": देश के कई राज्यों में कोरोना के हालात बद से बदतर, ऑक्सीजन कमी के चलते रेलवे चलाएगा "ऑक्सीजन एक्सप्रेस"

ऑक्सीजन कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की घोषणा कर दी। कोरोना मरीजों की वजह से बढ़ी मांग और देशभर में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला रहा है।

देश के कई राज्यों में कोरोना के हालात बद से बदतर, ऑक्सीजन कमी के चलते रेलवे चलाएगा "ऑक्सीजन एक्सप्रेस"

नई दिल्ली। 
देश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। ऐसे में अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की जान जा रही है। वहीं ऑक्सीजन कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की घोषणा कर दी। कोरोना मरीजों की वजह से बढ़ी मांग और देशभर में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साेशल मीडिया पर बताया कि ट्रेनों से देशभर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर डिलीवर किए जाएंगे। जल्द ही आवश्यकताओं के अनुसार इन ट्रेनों को चलाया जाएगा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का ट्रांसपोर्ट करने की संभावनाओं पर विचार करने को कहा था। इसके बाद रेलवे ने लिक्विड ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन की तकनीकी दिक्कतों के बारे में पता लगाया। सारी चीजें तय होने के बाद फैसला लिया गया कि मालगाड़ी की खाली बोगियों पर ऑक्सीजन टैंकर भेजे जाएंगे।

ऑक्सीजन सप्लाई के लिए बनाया जाएगा ग्रीन कॉरिडोर
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र से ऑक्सीजन लेने के लिए खाली टैंकर सोमवार को विजाग, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो भेजे जाएंगे। इससे अगले कुछ दिनों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस शुरू होने की उम्मीद है। इससे हम जहां कहीं भी मांग है, वहां ऑक्सीजन भेज पाएंगे। ऑक्सीजन एक्सप्रेस को तेजी से चलाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है।
दिल्ली, एमपी, यूपी और महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की मांग
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्‌ठी लिखकर कोरोना मरीजों के लिए 7000 बेड रिजर्व करने और तुरंत ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए कहा है। दिल्ली में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी हो गई है। वहीं एमपी के शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने से शनिवार को 12 कोविड मरीजों की मौत हो गई। सभी ICU में भर्ती थे। यहां के उज्जैन में कुछ महीने पहले 4,200 रुपए में मिलने वाला ऑक्सीजन सिलेंडर 15 हजार रुपए देने पर भी नहीं मिल रहा है। यूपी की राजधानी लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में हालात खराब हैं। अस्पतालों में जगह नहीं है। निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के घरवाले खुद ऑक्सीजन सिलेंडर ढो रहे हैं। ऑक्सीजन फैक्ट्रियों के बाहर लंबी कतारें हैं। लखनऊ PGI में पहले रोज 50 सिलेंडर की खपत थी, अब 500 लग रहे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने वालों के मुताबिक, पहले रोज 1200 सिलेंडर तैयार करते थे अब 1900 कर रहे हैं। फिर भी कमी है। यही हाल महाराष्ट्र के है। यहां 8 अप्रेल को प्रदेश में 34,100 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। अप्रैल के अंत तक यह आंकड़ा 9 लाख पहुंच सकता है। ऐसा हुआ तो ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। महाराष्ट्र 30-50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन गुजरात और 50 टन छत्तीसगढ़ से मंगाने की कोशिश कर रहा है। 

इधर, राजस्थान के सबसे बड़े कोविड हॉस्पिटल में ही कमी
राजस्थान के सबसे बड़े कोविड अस्पताल जयपुर के RUHS में 1,700 ऑक्सीजन सिलेंडर वर्किंग हैं और 1,500 का बैकअप है। यहां रोज 100 से ज्यादा मरीज भर्ती हो रहे हैं। वहीं, 700 से ज्यादा मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। यहां जरूरत 800 से ज्यादा सिलेंडर की है। भिवाड़ी से आने वाले लिक्विड ऑक्सीजन को सिलेंडरों में भरने के लिए आरयूएचएस में प्लांट लगाया गया है। इसमें 1,700 सिलेंडर की ऑक्सीजन हर समय तैयार रहती है।

Must Read: कोरोना के चलते आईपीएल के बाद अब एशिया कप टी-20 मैच भी रद्द

पढें भारत खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें First Bharat App.

  • Follow us on :