Jaipur नगर निगम हेरिटेज उप चुनाव परिणाम: Rajasthan में कांग्रेस सरकार, जयपुर नगर निगम में कांग्रेस का मेयर बावजूद इसके पार्षद के उपचुनाव में 2 कैबिनेट मंत्री, मेयर, विधायक तक कांग्रेस प्रत्याशी को नहीं दिला पाए जीत

प्रदेश की राजनीति में यूं तो आए दिन कुछ ना कुछ चौंकाने वाला वाक्या हो जाता है, लेकिन आज राजस्थान में उपचुनावों के परिणाम आए। कई जगह कांग्रेस के प्रत्याशियों की जीत हुई तो कई जगह भाजपा के उम्मीदवार जीत गए। इन सब के बीच राजधानी जयपुर के नगर निगम का चुनाव परिणाम बेहद रोमांचक भरा रहा। 

Rajasthan में कांग्रेस सरकार, जयपुर नगर निगम में कांग्रेस का मेयर बावजूद इसके पार्षद के उपचुनाव में 2 कैबिनेट मंत्री, मेयर, विधायक तक कांग्रेस प्रत्याशी को नहीं दिला पाए जीत

जयपुर।
प्रदेश की राजनीति में यूं तो आए दिन कुछ ना कुछ चौंकाने वाला वाक्या हो जाता है, लेकिन आज राजस्थान में उपचुनावों के परिणाम आए।
कई जगह कांग्रेस के प्रत्याशियों की जीत हुई तो कई जगह भाजपा के उम्मीदवार जीत गए। इन सब के बीच राजधानी जयपुर के नगर निगम का चुनाव परिणाम बेहद रोमांचक भरा रहा। 
राजधानी जयपुर के नगर निगम हेरिटेज में 2 वार्डों में उपचुनाव हुए थे। दोनों प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस से एक—एक सीट पर जीत हो गई, लेकिन वार्ड 57 में कांग्रेस पार्टी को मिली हार सरकार के लिए बड़ा सबक है। 
इतना ही नहीं, एक सीट पर जीत भी कुछ खास अंतर से नहीं है। ऐसे में कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़ा हो रहा है! जानकारी के मुताबिक निगम के वार्ड 57 में भाजपा के हिमांशु कुमार 340 वोटों से आगे रहते हुए जीत दर्ज करा गए। 
वहीं कांग्रेस के महेश तंबोली को 3026 वोट ही मिले।


कांग्रेस सरकार के 2 कैबिनेट मंत्री, एक मेयर और

विधायक तक ने किया समर्थन फिर भी हार
अब आप को बता दें कि महेश तंबोली इस चुनाव में पार्षद नहीं बन पाए। 
कुछ खास मायने नहीं रखता, लेकिन यह मायने रखता है कि राजस्थान में सरकार कांग्रेस की, जयपुर नगर निगम हेरिटेज में मेयर कांग्रेस का इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी एक पार्षद का चुनाव हार गया। 
इतना ही नहीं, गहलोत सरकार ने यहां के वार्ड 57 में कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव जीता ने के लिए अपनी ताकत झोंक दी, लेकिन हार ही मिली। सरकार के 2 कैबिनेट मंत्री महेश जोशी और ममता भूपेश ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार किया। 
इसके अलावा स्वयं कांग्रेस की मेयर मुनेश गुर्जर ने भी प्रचार किया। इतना ही नहीं क्षेत्र के विधायक अमीन कागजी तक ने प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार किया और बावजूद इसके वह हार गया। यह कांग्रेस सरकार के लिए बहुत बड़ा सबक है।
वैसे अमूमन यह माना जाता है कि उपचुनाव में वहीं जीत दर्ज कराता है जिसकी राज्य में सरकार होती है। 
आप को बता दें कि इस वार्ड पर नवंबर 2020 में जब चुनाव हुए थे, तब वार्ड 57 में भाजपा के महेन्द्र ढलेत और वार्ड 97 से कांग्रेस की मायादेवी जीती थी। 
इस साल दोनों के निधन होने के बाद इन सीटों पर उपचुनाव करवाए गए। जिसका परिणाम आया है।


वार्ड 57 ही नहीं, वार्ड 97 में भी कांग्रेस के आ गए पसीने 
भले ही कांग्रेस पार्टी को नगर निगम उप चुनाव में वार्ड 97 में जीत मिल गई, लेकिन यह जीत भी कोई बड़ी नहीं है। 
यहां भी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के पसीने आ गए। 
दिवंगत पार्षद मायादेवी की बहन सुनीता देवी को जीत मिली है, लेकिन जीत का अंतर भी महज 11 वोटों का ही रहा। 
यहां भाजपा की प्रत्याशी प्रेमदेवी को 2382 वोट मिले।

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