खरीफ फसल में नुकसान का आंकलन: खरीफ फसल में सूखे से हुए नुकसान के आंकलन के लिए केंद्रीय टीम ने किया निरीक्षण, ग्रामीण अंचलों में ग्रामीणों से फीडबैक

केन्द्रीय दल की टीम के अधिकारियों ने सिरोही क्षेत्र के ग्राम सिंदरथ, कृष्णगंज, वेलांगरी, सिलोईया, डोडुआ, अणगौर, पालडी आर एवं शिवगंज क्षेत्र के ग्राम पालडी एम, उथमण, अरठवाडा, जोयला, जोगापुरा, आल्पा में ग्रामीणों के खेतों पर जाकर अकाल की स्थिति का जायजा लिया।

खरीफ फसल में सूखे से हुए नुकसान के आंकलन के लिए केंद्रीय टीम ने किया निरीक्षण, ग्रामीण अंचलों में ग्रामीणों से फीडबैक

सिरोही।
खरीफ फसल में सूखे की स्थिति के कारण हुए नुकसान के आंकलन के लिए सिरोही पहुंचे अंतर मंत्रालय केन्द्रीय दल में कृषि एवं परिवार कल्याण विभाग राजस्थान जयपुर के निदेशक आर पी सिंह, ग्रामीण विकास विभाग नई दिल्ली के अवर निदेशक ( मनरेगा) दीप शेखर सिंघल  एवं पशुपालन और डेयरी विभाग नई दिल्ली के कृषि वैज्ञानिक विजय ठाकरे ने ग्रामीण अंचलों का भ्रमण किया। 
इस दौर केंद्रीय टीम ने सूखे की स्थिति का जायजा लिया एवं किसानों के खेतों पर जाकर अकाल की स्थिति का निरीक्षण किया।
केन्द्रीय दल के साथ सांसद देवजीएम पटेल , सिरोही-शिवगंज विधायक संयम लोढा, रेवदर विधायक जगसीराम कोली, जिला कलक्टर डाॅ. भंवर लाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी भागीरथ विश्नोई, उपखंड अधिकारी रमेश कुमार, सिरोही प्रधान हंसमुख कुमार, जिला परिषद सदस्य लुम्बाराम चैधरी के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।


केन्द्रीय दल की टीम के अधिकारियों ने सिरोही क्षेत्र के ग्राम सिंदरथ, कृष्णगंज, वेलांगरी, सिलोईया, डोडुआ, अणगौर, पालडी आर एवं शिवगंज क्षेत्र के ग्राम पालडी एम, उथमण, अरठवाडा, जोयला, जोगापुरा, आल्पा में ग्रामीणों के खेतों पर जाकर अकाल की स्थिति का जायजा लिया।
यहां पर किसानों से रू—ब—रू होकर उनसे पूरी जानकारी ली। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि हमारे यहां जुलाई के तीसरे पखवाड़े में बरसात हुई थी। उस समय हमने फसलों की बुआई की थी एवं इसके लगभग 45 दिन तक बरसात नहीं होने के कारण हमारी पूरी फसले खराब हो गई है। 
उन्होंने अध्ययन दल को बताया कि यहां पर पीने के पानी की भी समस्या है एवं घर के पैसे खर्च कर टेंकरों से पीने का पानी मंगवाया जाता है, जो हमारे लिए मुश्किल है।


इसके साथ ही अकाल के कारण पशुधन के चारे की भी समस्या हो गई है। उन्होंने केन्द्र सरकार से शीघ्र ही पशु शिविर खोलने के साथ ही अनुदानित दर पर चारा डिपो उपलब्ध कराने के लिए चारा डिपो चालू करने की मांग की।
केन्द्रीय दल ने ग्रामीणों से सूखे के कारण पशुधन संरक्षण के लिए किस प्रकार से चारे की व्यवस्था होगी, पीने के पानी की कैसे व्यवस्था करेंगे, वहीं रोजगार की भी जानकारी ली। 
जन प्रतिनिधियों ने बताया कि जुलाई के बाद लम्बे समय तक बरसात नहीं होने से क्षेत्रों में बोई गई फसलें पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है एवं इसके कारण चारे का भी अभाव हो गया है। उन्होंने अध्ययन दल से मांग की वे केन्द्र सरकार से पशुधन के संरक्षण के लिए शीघ्र ही पशु शिविर खोलें। 
वहीं पेयजल परिवहन कर लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराएं ताकि किसानों को राहत मिले एवं वे अपने पशुधन को बचा सके।
अध्ययन दल ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि वे जिले की सूखे की स्थिति के बारें में राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार को अवगत कराएगे।
उन्होंने कहा कि भ्रमण के दौरान वास्तव में वस्तु स्थिति की जानकारी प्राप्त हुई है।
सांसद देवजी एम पटेल ने भ्रमण के दौरान विगत वर्ष कम हुई वर्षा के बारें में जानकारी देकर बताया कि जिले के लगभग समस्त जलस्त्रोत सूखे पडे है। इससे आमजन को विशेषतः कृषकों को जीवन यापन में काफी कठिनाई हो रही है। इस समस्या से निपटने के लिए विशेष राहत की आवश्यकता है।

उन्होंने भ्रमण दल को यह भी अवगत कराया कि उपर से लिए जाने वाले फोटो से फसल खराबे की वास्तविक स्थिति का आंकलन नहीं किया जा सकता है क्योंकि फोटो ग्राफी में दर्शित हरियाली बबूल के पेडों की होती है,जिसका फसल से कोई वास्ता नहीं होता है।

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