कोरोना पर केंद्र और राज्य में राजनीति: महामारी में भी केंद्र सरकार पूंजीपतियों के साथ, वैक्सीन की दरें अलग-अलग दुर्भाग्यपूर्ण: शाले मोहम्मद
वैश्विक महामारी कोरोना से देश की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा गई है। कोरोना के नए मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, अस्पतालों में न बेड हैं एवं न ही ऑक्सीजन। देश के नागरिक तड़प तड़प कर मर रहे हैं, लेकिन देश के प्रधानमंत्री चुनावों में रैलियों को संबोधित करने में मशगूल हैं।
जैसलमेर/ जयपुर।
वैश्विक महामारी कोरोना से देश की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा गई है। कोरोना के नए मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, अस्पतालों में न बेड हैं एवं न ही ऑक्सीजन। देश के नागरिक तड़प तड़प कर मर रहे हैं, लेकिन देश के प्रधानमंत्री चुनावों में रैलियों को संबोधित करने में मशगूल हैं। यह कहना है कि अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद का। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूंजीवाद को बढ़ावा दे रही है। मंगल टीका लगने से देश के लोगों में जीवन की आशा जगी थी, सरकार ने 1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाने की घोषणा कर दी है, लेकिन इसी टीके की दरें केंद्र सरकार के लिए अलग, राज्य सरकार की खरीद के लिए अलग एवं निजी अस्पतालों के लिए अलग-अलग तय की है। एक देश, एक दवाई की अलग-अलग दरें देश के लिए दुर्भाग्य है। देश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई है, अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए न बेड है एवं न ही ऑक्सीजन है। ऑक्सीजन के अभाव में कोरोना के मरीज रोजाना दम तोड़ रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री चुनावी रैलियों में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि यह वक्त रैलियां करने का नहीं है, यह वक्त देश की जनता को बचाने का है। ठोस प्रबंधन कर देश की आबादी को कैसे कम से कम नुकसान हो इस प्रकार की योजनाएं लागू करनी होगी। कोई भी भाजपा नेता एवं चुने हुए सांसद भी इसकी मांग नहीं कर रहे हैं, अगर वो ऑक्सीजन एवं वैक्सीन की मांग करेंगे तो मोदी नाराज हो जाएंगे। प्रदेश के एक भी सांसद ने इसकी केंद्र सरकार से मांग नहीं की है।
एक वैक्सीन एक देश मे अलग-अलग दरें सही नहीं
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि एक वैक्सीन एक ही देश में अलग-अलग तीन दरों में मिलना वो भी उस वक्त जब देश मे कोरोना के मामलों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। यह देश के लिए दुर्भाग्य है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी पूंजीवाद को मजबूत करने के लिए सरकारें इतना नहीं करती थी, देश के नागरिक कोरोना से मर रहे हैं उसके बाद भी केंद्र सरकार को इसकी चिंता नहीं है। केंद्र की मोदी सरकार पूंजीपतियों की सरकार है, आमजन से कोई सरोकार नहीं है। देश तमाम बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई है। मरीजों को बेड एवं ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। सांस में तकलीफ के चलते एवं ऑक्सीजन न मिलने से मरीज दम तोड़ रहे हैं, ऑक्सीजन के लिए कोई प्रबंधन नहीं किया है। केंद्र सरकार से प्रदेश के एक भी सांसद एवं भाजपा नेता ने इसकी डिमांड नहीं की है। यह वक्त राजनीति एवं आरोप प्रत्यारोप का नहीं है। यह वक्त मानव जीवन को बचाने का है।
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