भारत: कोलकाता : अनुब्रत के रिश्तेदारों के चावल मिलों को किए गए भुगतान की सीबीआई कर रही जांच
कोलकाता, 22 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर में दो चावल मिलों को राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग द्वारा किए गए भुगतान अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में हैं।बताया जा रहा है कि ये मिल तृणमूल कांग्रेस
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![Kolkata:TMC leader Anubrata Mondal arrived CBI office at Nizam Palace after medical check up in Kolkata on Friday August 12,2022.(Photo: Kuntal Chakrabarty/IANS)](https://www.iansphoto.in/web/photoimages_new/400/2022/08/12/d683d6b452f116b8f520aa406ddecbb8.jpg)
बताया जा रहा है कि ये मिल तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल के कुछ रिश्तेदार के हैं, जिनमें उनकी बेटी सुकन्या मंडल भी शामिल हैं।
सीबीआई के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, दो चावल मिलों भोले बम राइस मिल और शिव शंभु राइस मिल को राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग द्वारा चावल खरीदे जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
19 अगस्त को सीबीआई ने भोले बम राइस मिल और सोमवार सुबह शिव शंभु राइस मिल में छापेमारी की। इन दो चावल मिलों से जब्त किए गए विभिन्न दस्तावेजों में चावल की खरीद के खिलाफ राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से भुगतान के कुछ रिकॉर्ड थे, लेकिन राज्य सरकार के विभाग को चावल की आपूर्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं था।
अनुब्रत मंडल के भतीजे राजा घोष शिव शंभु राइस मिल के मालिकों में से एक हैं।
स्थानीय लोगों ने कहा कि इन दोनों चावल मिलों में उत्पादन प्रक्रिया लगभग एक साल से बंद थी, लेकिन मिलों के कर्मचारी नियमित रूप से मिलों का दौरा करते थे।
भोले बम राइस मिल के परिसर में पांच हाई-एंड एसयूवी मिलीं, जहां सीबीआई ने 19 अगस्त को छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया था।
केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, सवाल यह है कि लंबे समय से उत्पादन प्रक्रिया निलंबित थी, तो तो इन मिलों को खुला रखने का वास्तविक उद्देश्य क्या था।
इस बीच, सीबीआई ने राज्य सरकार और बीरभूम के जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक के कार्यालय को कई सवाल भेजे हैं।
सवालों के घेरे में इन दो चावल मिलों से केंद्रीय एजेंसी ने कई सवाल पूछे हैं, जिनमें वित्तीय वर्ष 2015-16 से विभाग द्वारा खरीदे गए चावल की राशि और इस खरीद के खिलाफ उन्हें कितना भुगतान किया गया था। इसके अलावा, अधिकारियों ने भुगतान के तरीके और भुगतान करते समय टीडीएस काटे जाने के बारे में भी जानकारी मांगी है। सीबीआई के अधिकारी अब जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
--आईएएनएस
पीके/एसजीके
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