यूपीआई एक डिजिटल सार्वजनिक वस्तु है : केंद्र ने किया स्पष्ट, यूपीआई पर कोई सर्विस चार्ज नहीं
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट कर कहा, यूपीआई एक डिजिटल सार्वजनिक वस्तु है जिसमें जनता के लिए अत्यधिक सुविधा और अर्थव्यवस्था के लिए उत्पादकता लाभ है। यूपीआई सेवाओं के लिए कोई शुल्क लगाने का सरकार में कोई विचार नहीं है। लागत वसूली के लिए सेवा प्रदाताओं की चिंताओं को अन्य माध्यमों से पूरा किया जाना है।
नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यूपीआई लेनदेन पर कोई सेवा शुल्क नहीं लिया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट कर कहा, यूपीआई एक डिजिटल सार्वजनिक वस्तु है जिसमें जनता के लिए अत्यधिक सुविधा और अर्थव्यवस्था के लिए उत्पादकता लाभ है। यूपीआई सेवाओं के लिए कोई शुल्क लगाने का सरकार में कोई विचार नहीं है। लागत वसूली के लिए सेवा प्रदाताओं की चिंताओं को अन्य माध्यमों से पूरा किया जाना है।
UPI is a digital public good with immense convenience for the public & productivity gains for the economy. There is no consideration in Govt to levy any charges for UPI services. The concerns of the service providers for cost recovery have to be met through other means. (1/2)
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 21, 2022
उन्होंने कहा, सरकार ने पिछले साल डिजिटल इको सिस्टम तंत्र के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी और इस वर्ष भी डिजिटल को अपनाने और भुगतान प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने की घोषणा की है जो किफायती और उपयोगकर्ता के अनुकूल हैं।
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सरकार की ओर से स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोटरें के बाद आया है जिसमें दावा किया गया था कि केंद्रीय बैंक यूपीआई प्रणाली के माध्यम से किए गए प्रत्येक वित्तीय लेनदेन में शुल्क जोड़ने पर विचार कर रहा है।
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रिपोर्ट सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया था और कई लोगों ने रिपोर्ट पर भारत सरकार के हैंडल के लिए स्पष्टीकरण भी मांगा था।
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