राजस्थान गर्मियों में पेयजल प्रबंधन: जलदाय मंत्री डॉ जोशी ने गर्मियों में पेयजल प्रबंधन को लेकर राज्य के अधिकारियों को दिए निर्देश, अधिकारी 24 घंटे चालू रखेंगे मोबाइल
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने निर्देश दिए है कि गर्मियों के सीजन में जनता की पेयजल सम्बंधी समस्याओं के नियमित समाधान को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए। सभी अधिकारी अपने मोबाइल 24 घंटे ऑन रखें।

जयपुर।
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने निर्देश दिए है कि गर्मियों के सीजन में जनता की पेयजल सम्बंधी समस्याओं के नियमित समाधान को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए।
सभी अधिकारी अपने मोबाइल 24 घंटे ऑन रखें। किसी भी स्रोत से पेयजल आपूर्ति से सम्बंधी प्रकरण प्राप्त होने पर उसका तत्परता से निदान करें, आवश्यकता होने पर सम्बंधित अधिकारी तत्काल मौके पर जाकर लोगों से संवाद करें। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएं।
जलदाय मंत्री डॉ. जोशी बुधवार को जयपुर में जल भवन में प्रदेश में ग्रीष्मकाल और इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र से जुड़े दस जिलों में नहरबंदी के दौरान पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के सम्बंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि गर्मियों में पेयजल प्रबंधन को चुनौती के रूप में लिया जाए और अधिकारी जनता की अपेक्षाओं की हर कसौटी पर खुद को खरा साबित करने के लिए सजगता से प्रयास करें।
पेयजल समस्या पर क्वालिटी डिस्पोजल का करें फोकस
जलदाय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लोगों की पेयजल सम्बंधी समस्याओं के ‘क्वालिटी डिस्पोजल’ पर पूरा फोकस है।
आमजन के प्रकरणों का सही मायने में संतोषजनक समाधान होना चाहिए, अगर कहीं भी कागजी तौर या दिखावे के लिए समाधान की शिकायत मिली तो इसे सहन नहीं किया जाएगा।
विभाग में उच्च स्तर से सभी जिलों में विभागीय अधिकारियों के कार्यों की नियमित रिपोर्ट लेकर उसकी निरंतर समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सम्पर्क हेल्पलाइन और विभाग के तहत राज्य एवं जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्षों के माध्यम से प्राप्त होने वाले प्रकरणों के फील्ड अधिकारियों द्वारा निस्तारण के बाद रीजन स्तर पर उच्च अधिकारी उसकी ‘रैंडम चौकिंग‘ सुनिश्चित करें।
इसके अलावा मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को जिला प्रभारी बनाने की जो व्यवस्था लागू की गई है, उसके आधार पर भी विभाग में उच्च स्तर से पेयजल प्रबंधन की मॉनिटरिंग होगी।
जिला एवं रीजन स्तर पर अधिकारियों जनता की शिकायतों के निवारण के लिए की गई कार्रवाई की प्रदेश स्तर से भी ‘रैंडम चौकिंग‘ की जाएगी। पोर्टल के माध्यम से भी अधिकारियों के कार्यों की निगरानी होगी।
ट्यूबवैल-हैंडपम्प की कमिश्निंग 30 अप्रैल तक सुनिश्चित हों
डॉ. जोशी ने कहा कि सभी जिलों में विधानसभा वार जो ट्यूबवेल और हैंडपम्प स्वीकृत किए गए है उनकी कमिश्निंग का कार्य आगामी 30 अप्रैल तक हर हाल में पूरा किया जाए।
यदि इस अवधि तक कहीं पर इनकी कमिश्निंग नहीं हो पाती है तो अधिकारियों को उसका वाजिब कारण बताना होगा।
इस अवधि के बाद पूरे प्रदेश में ट्यूबवेल और हैंडपम्प कमिश्निंग की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। अगर कहीं पर भी बिना किसी ठोस कारण के अधिकारियों की लापरवाही के कारण कमिश्निंग में विलम्ब पाया गया तो सम्बंधित की जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त एक्शन लिया जाएगा।
कंटीजेंसी प्लान के लिए कलेक्टर से रखें समन्वय
जलदाय मंत्री जोशी ने निर्देश दिए कि जिलों में कंटीजेंसी प्लान के तहत सभी आवश्यक स्वीकृतियां शीघ्रता से जारी की जाए। इसके लिए विभागीय अधिकारी जिला कलक्टर्स से पूर्ण समन्वय रखें।
अगर कहीं भी कंटीजेंसी के तहत स्वीकृत राशि के अलावा और आकस्मिक कार्य जरूरी हो तो राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लेकर अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत की जाएगी, जनता को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए।
उन्होंने सभी जिलों में जनप्रतिनिधियों की ओर से प्राप्त होने वाले सुझावों को भी तवज्जो देने और विशेष क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुरूप टैंकरों के माध्यम से जल परिवहन की व्यवस्था का पारदर्शिता के साथ संचालन करने के भी निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने वीसी में अधिकारियों को पेयजल प्रबंधन के लिए फील्ड में सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय मुद्दों के तत्काल निराकरण के लिए जिला प्रशासन से पूर्ण समन्वय रखा जाए और राज्य स्तर से जारी सभी निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए।
बैठक में नहरबंदी से प्रभावित 10 जिलों में पेयजल आपूर्ति के सम्बंध में की गई व्यवस्थाओं के साथ ही पाली जिले में आगामी दिनों में रेल के माध्यम से जल परिवहन की तैयारियों तथा आरओ एवं डीएफयू के प्रभावी संचालन सहित अन्य मुद्दों की भी विस्तृत समीक्षा की गई।
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