Governor सरकार को लौटाया वकीलों का बिल: राजस्थान के राज्यपाल ने विधानसभा में लौटाया एडवोकेट वेलफेयर अमेंडमेंट बिल, अब नए संशोधन के साथ आएगा बिल
राजस्थान में एडवोकेट वेलफेयर अमेंडमेंट बिल में बदलाव करने के लिए राज्यपाल ने सरकार को लौटा दिया है। राज्यपाल ने बार काउंसिल और वकीलों के संगठन के विरोध का हवाला दिया है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने वकीलों के संगठनों से मिले ज्ञापन और वकीलों की मांग के आधार पर प्रावधानों में बदलाव करने की सुझाव दिया।
जयपुर।
राजस्थान(Rajasthan) में एडवोकेट वेलफेयर अमेंडमेंट बिल (Advocate Welfare Amendment Bill) में बदलाव करने के लिए राज्यपाल(Governor) ने सरकार को लौटा दिया है। राज्यपाल ने बार काउंसिल (Bar Council) और वकीलों के संगठन के विरोध का हवाला दिया है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने वकीलों के संगठनों से मिले ज्ञापन और वकीलों की मांग के आधार पर प्रावधानों में बदलाव करने की सुझाव दिया। राज्यपाल के बिल वापस लौटाने की सूचना आज गुरुवार को विधानसभा में दी गई। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी(CP Joshi) ने बिल वापस लौटाने के साथ राज्यपाल का संदेश भी पढ़कर सुनाया। इस बिल में राज्यपाल कलराज मिश्र ने बदलावों का सुझाव दिया है।
गौरतलब है कि मार्च 2020 में विधानसभा में एडवोकेट वेलफेयर फंड अमेंडमेंट बिल पारिया हुआ था। इसके बाद 24 मार्च 2020 को इस बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था। इस बिल में एडवोकेट वेलफेयर फंड में एडवोकेट से लिए जाने वाले पैसे को बढ़ाया गया था। इस बिल के मुताबिक लाइफटाइम मेंबरशिप(Lifetime Membership) को 17500 से बढ़ाकर 1 लाख किया गया था, इसके साथ ही वकालतनामे(Vakalatnama) पर लगने वाली टिकट का पैसा बढ़ाकर जिला कोर्ट में 100 रुपए तथा हाईकोर्ट(High Court) में 200 रुपए करने का प्रावधान किया गया था। इस बिल में लाइफटाइम मेंबरशिप और वकालतनामे की टिकट का पैसा बढ़ाने पर वकील विरोध कर रहे थे। वकीलों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से दोनों प्रावधानों को वापस लेने की मांग की थी।
अब संशोधन के साथ आएगा बिल
बार काउंसिल ऑफ राजस्थान (Bar Council of Rajasthan) के साथ प्रदेशभर के वकील संगठनों की मांग के बाद लाइफटाइम मेंबरशिप फीस को 1 लाख से घटाकर 50 हजार करने पर सहमति बन चुकी है। वहीं दूसरी ओर वकालतनामे पर लगने वाली टिकट पर जिला अदालतों और हाईकोर्ट में एक समान 100 रुपए करने पर भी सहमति बन चुकी है। वकीलों के संगठन इस मामले में राज्यपाल कलराज मिश्र(Governor Kalraj Mishra) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot)से मुलाकात कर चुके। राज्यपाल के बिल लौटाने के बाद इसे अब सरकार के पास भेजा जाएगा। सरकार संशोधन के साथ बिल लाएगी।
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