सिरोही सरकारी सिस्टम की लेटलतीफी: सिरोही से पालडी एम की दूरी करीबन 15 किलोमीटर, रजिस्ट्रर्ड डाक को 15 किलोमीटर पहुंचने में लग गए 7 दिन, नतीजा काउंसलिंग से वंचित हुई छात्रा
सिरोही जिले में सरकारी सिस्टम की लेट लतीफी का आलम देखो महज रजिस्ट्रर्ड डाक को 15 किलोमीटर की दूरी तय करने में लग गए 7 दिन। यहां सवाल यह नहीं है कि रजिस्ट्री 7 दिन में पहुंची, यहां सवाल यह है कि इस सरकारी लेटलतीफी का खामियाजा एक छात्रा को उठाना पड़ा।
सिरोही।
सिरोही जिले में सरकारी सिस्टम की लेट लतीफी का आलम देखो महज रजिस्ट्रर्ड डाक को 15 किलोमीटर की दूरी तय करने में लग गए 7 दिन।
यहां सवाल यह नहीं है कि रजिस्ट्री 7 दिन में पहुंची, यहां सवाल यह है कि इस सरकारी लेटलतीफी का खामियाजा एक छात्रा को उठाना पड़ा।
मुख्य स्वास्थ कार्यकर्ता प्रशिक्षण कोर्स 2021—22 की काउंसलिंग में इस छात्रा को वंचित होना पड़ा। अब मायूस छात्रा ने सिरोही कलेक्टर से गुहार लगाई है।
यह है मामला
सिरोही जिले के पालडी एम निवासी छात्रा शिवानी पटेल का मुख्य स्वास्थ कार्यकर्ता प्रशिक्षण कोर्स 2021—22 की काउंसलिंग
सूची में नाम आया। इस कोर्स की काउंसलिंग की अंतिम दिनांक 4 मार्च 2022 थी।
लेकिन शिवानी को काउंसलिंग की अंतिम दिनांक निकलने के 3 दिन बाद 7 मार्च को यह बुलावा पत्र डाक से प्राप्त हुआ। ऐसे में इस छात्रा को काउंसलिंग से वंचित कर दिया गया।
1 मार्च को सीएमएचओ कार्यालय से भेजी गई डाक
मुख्य स्वास्थ कार्यकर्ता प्रशिक्षण कोर्स में काउंसलिंग के लिए बुलावा पत्र यूं तो 23 फरवरी 2022 की दिनांक पर जारी किया गया। लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिरोही कार्यालय की ओर से 1 मार्च को डाक रजिस्ट्री से भेजी गई।
इसका नतीजा यह हुआ कि छात्रा को डाक निर्धारित दिनांक से पूर्व नहीं मिल पाई। अगर यह पत्र 23 या 24 फरवरी को भेजा जाता तो हो सकता है शिवानी को समय पर मिल जाता।
1 मार्च को रजिस्ट्रर्ड हुई डाक 7 मार्च को पहुंची
सिरोही से पालडी एम की दूरी 15 किलोमीटर बताई जाती है। इस 15 किलोमीटर में भी डाक विभाग ने लैटर पहुंचाने में 7 दिन लगा दिए। डाक विभाग की ओर से रजिस्ट्री दिनांक 1 मार्च दिखाई जा रही है। जबकि डिलिवरी दिनांक 7 मार्च है। यह लेट लतीफी भी सरकारी सिस्टम पर कई सवाल उठा रही है।
कलेक्टर साहब मुझे मेरा अधिकार दिलवाओ!
इस मामले को लेकर जब शिवानी से बातचीत की गई तो उसने कहा कि मैं काउंसलिंग की हकदार हूं। सीएमएचओ कार्यालय या फिर डाक विभाग की गलती का खामियाजा मुझे दिया उठाना पड़ रहा है। इस मामले को लेकर मैंने सिरोही कलेक्टर से बातचीत की है। मुझे उम्मीद है कि वे मेरी मदद अवश्य करेंगे।
पिता नरेगा में करते हैं मजदूरी, घर में नहीं आता अखबार
शिवानी पटेल ने बताया कि मेरे पिता नरेगा में मजदूरी करते है। माता—पिता और पांच बहन—भाई के परिवार को पिता मजदूरी कर के पाल रहे हैं। अखबार खरीदना तो दूर पहले घर की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाती है। घर में टेलीविजन है लेकिन उसको रिचार्ज करवाने के बारे में भी सोचना पड़ता है। ऐसे में अखबार खरीदना या विज्ञप्ति देखना हमारे गांव में संभव नहीं हो पाया। हमारे डाक सेवा ही एक मात्र उपाय था लेकिन वो भी देरी से आई।
कलेक्टर ने दिया आश्वासन
इस मामले को लेकर सिरोही कलेक्टर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला सामने आया था। नियमानुसार मदद की जाएगी। इसको लेकर विज्ञप्ति भी जारी की गई थी, लेकिन छात्रा के भविष्य को देखते हुए सीएमएचओ से जवाब मांगा है।
डॉ.भंवर लाल, कलेक्टर सिरोही
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