Manipur Violence: मणिपुर हिंसा: मणिपुर में हथियारों की बरामदगी को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट
मणिपुर सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने राज्य में सभी स्रोतों से हथियारों की बरामदगी के मामले पर एक स्टेटस रिपोर्ट दायर की है। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि इस मामले पर रिपोर्ट दायर की गई है।
नई दिल्ली। खबरों के अनुसार मणिपुर की एन बीरेन सिंह सरकार ने हथियारों की बारामदगी के मामले पर एक स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को शुक्रवार को यह जानकारी दी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि विभिन्न स्त्रोतों से हथियारों की बरामदगी को लेकर स्टेटस रिपोर्ट मणिपुर सरकार ने शीर्ष अदालत में दाखिल कर दी है। उन्होंने पीठ को याद मामले में एक और हलफनामे के बारे में जानकारी दी।
तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि शपथपत्र में कहा गया है कि यहां जिन भी मुद्दों पर बहस हो उन्हें पहले ही शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति के संज्ञान में लाया जा चुका है। पैनल उस पर विचार भी कर रहा है।
शीर्ष अदालत ने छह सितंबर को मणिपुर सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से राज्य में सभी स्रोतों से हथियारों की बरामदगी पर एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। अदालत का यह निर्देश पुलिस स्टेशनों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद चोरी होने के मामले सामने आने के बाद आया।
एक याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने पीठ को बताया कि मणिपुर में मई में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की शिकार दो महिलाओं के शव अभी तक उनके परिवारों को नहीं सौपे गए हैं। शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति पहले ही इसका संज्ञान ले चुकी है और अधिकारियों को निर्देश जारी कर चुकी है। पीठ ने मामले की सुनवाई 25 सितंबर को तय की।
पीठ ने केंद्रीय गृह सचिव को पैनल के कामकाज में मदद के लिए विशेषज्ञों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मित्तल के साथ संवाद करने का निर्देश दिया था। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मित्तल की अध्यक्षता वाले पैनल में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शालिनी पी जोशी और आशा मेनन भी शामिल हैं।
मई में भड़की थी मणिपुर में हिंसा --
मणिपुर में हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद हिंसा भड़क उठी। इस आदेश में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मैतेई समुदायक को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया था। तीन मई को पहली बार हिंसा भड़की, जिसके बाद से अबतक 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। हिंसा आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान भड़की थी।
Must Read: धनबाद के सिंदरी में दो गुट भिड़े, गोलियां चलीं, एक दर्जन घायल
पढें भारत खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें First Bharat App.