पानी का संकट: ट्यूबवेल-कुओं में पानी की कमी के कारण सिरोही में अब 96 घंटे से होगी पानी की सप्लाई
पिछले सालों में बारिश कम होने और अणगौर बांध में पानी का स्तर नीचे चले जाने के कारण वर्तमान में 72 घंटे के अंतराल से पानी के सप्लाई की जा रही थी, जिसे अब बढ़ाकर 96 घंटे कर दिया गया है।
सिरोही। शहर में 8 जुलाई से 96 घंटों से पानी की सप्लाई होगी। शहर में पानी के सप्लाई के लिए खुदे ट्यूबवेल और कुओं में पानी की कमी के चलते जलदाय विभाग ने यह फैसला किया है। पिछले सालों में बारिश कम होने और अणगौर बांध में पानी का स्तर नीचे चले जाने के कारण वर्तमान में 72 घंटे के अंतराल से पानी के सप्लाई की जा रही थी, जिसे अब बढ़ाकर 96 घंटे कर दिया गया है।
जलदाय विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर उमेश कुमार मीना ने बताया कि पानी की कमी के कारण सिरोही शहर में वर्तमान में 72 घंटे के अंतराल से पानी की सप्लाई की जा रही है। जिसे अब 96 घंटे से करने का फैसला लिया है, जो 8 जुलाई से लागू होगा। उन्होंने बताया कि 8 जुलाई को बड़ी-छोटी बह्मपुरी, मोदी लाइन, कुम्हारवाड़ा, सदर बाजार, शाहजी की वाड़ी, राजमाता धर्मशाला, खोडा सेरी, छीपा ओली, नया बस स्टैंड, घांचीवाड़ा, पैलेस रोड, सुनारवाडा, राठौड लाइन, पावर हाउस के आगे और पीछे का रोड, सरजावाव दरवाजा, हरिजनवास, हीरागरवास, झुपडी रोड और भांटकडा में होने वाली सप्लाई अब 9 जुलाई को होगी।
जल संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 152 बांध खाली पड़े हैं। हालात यह है कि इन बांध में एक बूंद भी पानी नहीं है। भले ही इस बार प्री-मानसून में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो, लेकिन बांधों में पानी की आवक बहुत धीमी होने से हालत बिगड़ते जा रहे हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा संकट जयपुर, अजमेर 1 करोड़ जनता के लिए हो सकती है, जो पानी के लिए पूरी तरह बीसलपुर बांध पर निर्भर है। इस बार बीसलपुर में पानी का स्टॉक पिछले साल इन दिनों के मुकाबले काफी कम है। राजस्थान की ऑवर ओल स्थिति देखे तो राज्य के 716 बांध में से 69 फीसदी बांध ऐसे है पानी बिल्कुल भी नहीं है।
डर है कि यदि समय पर मानसून नहीं आया तो हालात पाली जिले जैसे हो सकते हैं। जहां इस बार वॉटर ट्रेन से पानी सप्लाई करना पड़ा और अब भी पानी वॉटर ट्रेन के जरिए जोधपुर से आ रहा है। यही कारण है कि यहां 7-8 दिन में एक बार पानी लोगों को मिल रहा है, लेकिन यही स्थिति रही तो अगले सीजन गर्मियों में ये अंतराल 10 दिन या उससे ज्यादा का हो सकता है। जवाई बांध में पिछले साल मानसून आने से पहले 16 फीसदी पानी था, लेकिन मानसून गुजरने के बाद बांध में पानी की आवक महज 2 फीसदी ही बढ़ी। यही कारण रहा कि इस गर्मी सीजन के शुरू होते ही पाली के लिए सरकार को जोधपुर से वॉटर ट्रेन चलानी पड़ी। जोधपुर में वर्तमान में हालात खराब है, यहां 3-4 दिन के अंतराल में पानी आ रहा है।
अजमेर जिले और जयपुर शहर के लिए पानी की सप्लाई का एकमात्र स्त्रोत बीसलपुर भी अब तेजी से खाली हो रहा है। बांध का वर्तमान गेज 309.05 आरएल मीटर (कुल भराव क्षमता का 21 फीसदी) पर है। बांध का गेज हर रोज 0.2 आरएल मीटर गिर रहा है, जो आने वाले समय में 0.4 आरएल मीटर प्रतिदिन की स्पीड से गिरने लगेगा। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों की माने तो बांध में अभी जयपुर-अजमेर और टोंक के कुछ हिस्से के लिए इस साल नवंबर-दिसंबर तक का ही पानी बचा है। अगर इस मानसून बांध में पानी नहीं आता है तो अगले गर्मियों के सीजन के शुरू होने से पहले ही यहां भी जोधपुर जैसे हालात हो सकते है।
राज्य में 4.25 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमक्यूएम) से अधिक भराव क्षमता के 279 बांध है, जिनमें से 127 बांध ऐसे है जो आंशिक भरे हुए है, जबकि 152 बांध खाली पड़े है। वहीं 4.25 एमक्यूएम कम भराव क्षमता के 437 बांध है, जिसमें से केवल 86 बांध ऐसे है जो आंशिक भरे है, जबकि 344 बांध खाली पड़े है। इस क्षमता के मात्र 2 बांध ही ऐसे है जो भरे है।
राज्य में संभागवार बांधों की स्थिति देखे तो जोधपुर में स्थिति खराब हो रही है। पिछले साल मानसून के जाने के बाद जोधपुर संभाग के 121 बांधों में लगभग 41 फीसदी पानी आ गया था। इसमें पाली का बनियावास, जोगड़ावास, सिरोही का टोकरा, बालोरिया, गोडाना समेत कुछ ऐसे बांध है जो आधे से ज्यादा भर गए थे। लेकिन अब वर्तमान में स्थिति विकट हो गई है। इन सभी 121 बांधों में अब पानी केवल 5.30 फीसदी ही रह गया है।
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