राजस्थान में सियासी संकट: शेखावत ने हरे किए पायलट की बगावत के घाव, शेखावत ने पायलट का नाम लेकर फिर कही बड़ी बात

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर गहलोत सरकार पर जोरदार हमला बोला है। शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार ईआरसीपी के प्रस्ताव को संशोधित कर भारत सरकार को आज भेज दे तो दो महीने में इसे लागू करवा दूंगा। मोदी के मंत्री ने पायलट का नाम लेकर फिर बड़ी बात की है।

शेखावत ने हरे किए पायलट की बगावत के घाव, शेखावत ने पायलट का नाम लेकर फिर कही बड़ी बात

जयपुर। राजस्थान में करीब 2 साल पहले आए सियासी संकट के घाव को एक बार फिर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के एक बयान ने हरा कर दिया है। शेखावत ने सोमवार रात चौमूं में हुई भाजपा की जन आक्रोश रैली में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम लेकर एक ऐसा बयान दे डाला जो अब सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि 2018 के बाद साल 2020 में मध्य प्रदेश के विधायकों ने जिस तरह से फैसला किया।शेखावत ने यहां सचिन पायलट का नाम लेते हुए कहा कि थोड़ी खामी और चूक रह गई, वरना राजस्थान में भी अब तक ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाता।

शेखावत विधायक रामलाल शर्मा के जन्म दिवस के मौके पर आयोजित बीजेपी की जन आक्रोश रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान शेखावत ने यह भी कहा कि यदि प्रदेश की गहलोत सरकार ईआरसीपी प्रोजेक्ट में कुछ संशोधन करके केंद्र सरकार के पास भिजवा दे तो मैं 2 महीने में इस योजना को प्रदेश में लागू करवा दूंगा। हालांकि, शेखावत ने यह भी कहा कि यदि गहलोत सरकार 2 महीने में संशोधन के साथ इस योजना को नहीं भेजती है तो फिर साल 2023 में हम सब मिलकर कांग्रेस सरकार की राजस्थान से विदाई कर देंगे। प्रोजेक्ट 13 जिलों के लोगों की प्यास से जुड़ा है, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार केवल इस पर राजनीति करना चाहती है। इस दौरान मंच पर शेखावत के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, सांसद सुमेधानंद सरस्वती, विधायक और प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा, जयपुर देहात उत्तर जिला अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा समेत कई भाजपा नेता मौजूद रहे।

सियासी संकट के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने लगाए थे भाजपा पर आरोप

2020 में राजस्थान सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और बीजेपी के केंद्रीय नेताओं पर प्रदेश सरकार को गिराने का षड्यंत्र करने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने बीजेपी के कई वरिष्ठ और केंद्रीय नेताओं का नाम लेते हुए यह आरोप लगाए थे। उस समय कांग्रेस के विधायकों की बाड़ेबंदी भी की गई थी, जिसमें सचिन पायलट और उनसे जुड़े समर्थक विधायक शामिल नहीं हुए थे। तब भी मुख्यमंत्री गहलोत समेत उनके कुछ समर्थक नेताओं ने सचिन पायलट का नाम लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे। अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का सचिन पायलट के नाम का जिक्र करते हुए यह मौजूदा बयान कांग्रेस के उन्हीं पुराने जख्मों को हरा कर रहा है और यही सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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