सात समंदर पार से आए : विदेशी कर रहे हैं सनातन धर्म का प्रचार, भारत समेत विश्व में दे रहे शांति का संदेश
-देश के 100 सदस्य दल कोने-कोने में जाकर वसुधैव कुटुंबकुम का दे रहे संदेश, प्रदेश में 5 सदस्य दल शहर-शहर जाकर फैलाएगा जन जागरूकता
सिरोही | सात समंदर पार से आए विदेशी नागरिक भारत में रहकर सनातन धर्म सीख रहे है। यहां पर हरे कृश्णा कृश्णा कृश्णा हरे कृश्णा हरे रामा हरे रामा का पाठ पढ़कर दुनिया को वसुधैव कुटुंबकुम का सिद्धांत दे रहे है। देश के वृंदावन में रहकर विदेशी नागरिक भारतीय संस्कृति को अपना रहे है।
यहां की संस्कृति को सीखकर दुनिया को सनातन धर्म का संदेश रहे है। वृंदावन में 100 दलों का सदस्य बनाया हुआ है। इसमें से 5 सदस्यों का एक दल राजस्थान भ्रमण कर रहा है। प्रदेश के हिल स्टेशन माउंट आबू में यह दल सनातन धर्म का संदेश दे रहे है। दरअसल, इन दिनों में देश ही नहीं विदेशों में भी धर्म-जाति के नाम पर लोग आपस में झगड़ रहे है। जिससे सांप्रदायिकता फैल रही है।
दुनिया में सभी लोग एकजुट रहे। जात-पात में नहीं बंटे। इसको लेकर यह दल लोगों में सनातन धर्म का संदेश दे रहे है। देश-विदेश में भाईचारे के साथ सभी लोग रहे। हर सब एक है। सभी जगह ईश्वर एक है सभी का धर्म एक है।
हिल स्टेशन से शुरूआत, क्योंकि यहां आते है देश-विदेश के पर्यटक
यूक्रेन, कजाकिस्तान, रसिया, यूरोप, स्पेन देश से भारत में रहकर एक दल इन दिनों माउंट आबू आया हुआ है। यहां पर नक्की झील गार्डन में कृश्ण-राम भक्ति के गीत गाकर लोगों को एकजुटता का संदेश दे रहे है। माउंट आबू से शुरूआत इसलिए कि है कि यहां पर हिल स्टेशन होने के कारण देश-विदेश से पर्यटक आते है।
ऐसे में पर्यटकों को सनातन धर्म का संदेश दे रहे है। इस दल के सदस्यों का नाम भी भारतीय नागरिकों की तरह है। दल के सदस्य बताते है कि उनके नाम वृंदावन में गोपालदास, श्रृतादेव दास, माधवपुरीदास आदि नाम रखे गए है। वे बताते है कि दास का अर्थ सेवक है। ऐसे में सेवक लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक कर रहे है।
माउंट के बाद जाएंगे झीलों की नगरी उदयपुर के साथ राजधानी
माउंट आबू में पिछले दस दिनों से सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे है। दल के सदस्य माधवपुरी दास ने बताया कि माउंट आबू के बाद झीलों के नगरी उदयपुर जाएंगे। इसके बाद जयपुर, जैसलमेर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में जाकर सनातन धर्म का संदेश देंगे। उनका कहना है कि दुनिया में ईश्वर एक है। एक धर्म है वो है सनातन धर्म। अल्लाह-ईश्वर एक है। जात-पात का कोई नहीं है।
भक्तिगीतों की प्रस्तुति, श्रीमद्भागवत गीता समेत धर्मों की किताबों का वितरण
पांच सदस्य दल भक्तिगीतों की प्रस्तुति देते है। भजन-कीर्तन हिंदी में गाकर दान की पेटी लिए फिरते है। इनके साथ भक्ति के साथ धर्म-कर्म की किताबें भी रहती है। भजन-कीर्तन के साथ किताबों में बेचते है। किताबों पर एक नजर डाले तो रसराज श्रीकृश्ण, प्रहलाद महाराज के दिव्य वचन, योग की पूर्णता सरीखे की कई सनातन धर्म की किताबें लोगों को प्रेरित कर रही है। इनसे मिलने वाला चंदा दान पात्र में एकत्रित करते है। लोगों से दान इस्कॉन मंदिर बनवाने में लिया जाएगा। इनके पास करीब 70 किताबें धर्मों के नाम से है। हर जगह जाकर किताबें पढ़ने के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ सनातन धर्म के प्रति जागरूक कर रहे है।
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लोगों की भी दिलचस्पी, मोबाइल पर बनाते है वीडियो
विदेशी दल सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रदेश में आया है। भजन-कीर्तन करते समय लोग इनका वीडियो भी बना रहे हैं। लोग बताते है कि विदेश लोग भी सनातन धर्म के प्रति जनजागरूकता फैला रहे है। यह अच्छी बात है। सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को लेकर यह दल देश के कोेने-कोने के साथ अमेरिका, यूरोप, आस्टेलिया, रसिया समेत विश्वभर में जाकर वसुधैव कुटुंबकुम का संदेश दे रहे है।
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