REET को लेकर राज्य में रेस्मा लागू: राजस्थान सरकार ने अध्यापक पात्रता परीक्षा रीट के आयोजन को लेकर 30 सितंबर तक लगाया रेस्मा

राजस्थान सरकार ने राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 के सफल आयोजन के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के समस्त कार्यालय तथा रीट-2021 से संबंधित समस्त सेवाओं को 20 से 30 सितम्बर 2021 तक अत्यावश्यक सेवा घोषित कर दिया है।

राजस्थान सरकार ने अध्यापक पात्रता परीक्षा रीट के आयोजन को लेकर 30 सितंबर तक लगाया रेस्मा

जयपुर।
राजस्थान सरकार ने राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) 2021 के सफल आयोजन के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के समस्त कार्यालय तथा रीट-2021 से संबंधित समस्त सेवाओं को 20 से 30 सितम्बर 2021 तक अत्यावश्यक सेवा घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। गृह विभाग ने स्कूल शिक्षा विभाग तथा समन्वयक व सचिव रीट-2021 के प्रस्ताव पर राजस्थान अत्यावश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम(Rajasthan Essential Services Maintenance Act), 1970 (1970 का राजस्थान अधिनियम संख्या 22) की धारा 2  के तहत प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए 20 सितम्बर, 2021 से 30 सितम्बर, 2021 तक राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के समस्त कार्यालय तथा रीट-2021 परीक्षा से संबंधित सभी सेवाओं को एतद्वारा अत्यावश्यक सेवाएं घोषित करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) के सफल आयोजन के लिए पूर्व में भी वर्ष 2016 एवं वर्ष 2018 में अत्यावश्यक सेवाएं घोषित किए जाने के संबंध में अधिसूचनाएं जारी की गई हैं।   
अब नहीं कर सकते हड़ताल
रीट परीक्षा से जुड़े कर्मचारी और संस्थान अब हड़ताल नहीं कर सकते।  राज्य सरकार(State Government) ने हड़ताल, कार्य बहिष्कार पर रोक लगा दी है। REET परीक्षा पूरी होने तक RESMA लागू रहेगा। रेस्मा लागू होने के बाद रीट परीक्षा से जुड़े शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, रीट के सेंटर वाले निजी स्कूल(Private Schools) के कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकेंगे। किसी भी तरह का कार्य बहिष्कार और हड़ताल गैर कानूनी मानी जाएगी। हड़ताल करने वालों को पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर जेल भेज सकती है। REET परीक्षा में करीब 25 लाख विद्यार्थी भाग ले रहे हैं, प्रदेश भर में सेंटर बनाए गए हैं। सरकार किसी भी सेवा पर एक बार में 6 माह तक रेस्मा लागू कर सकती है। छह माह बाद चाहे तो RESMA की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। हड़ताल में भाग लेने वालों को 6 महीने तक की जेल का प्रावधान है। हड़ताल करने के लिए उकसाने वालों को एक साल की जेल और एक हजार के जुर्माने का प्रावधान है।

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