सांचोर विधानसभा सीट घमासान: संकट में सांसद देवजी पटेल, नहीं रुक रहा विरोध, आज फिर 7 मोर्चा अध्यक्षों ने पूरी कार्यकारिणी के साथ दिया सामूहिक इस्तीफा, जीवाराम चौधरी ने यह क्या कह दिया आज?
सांसद देवजी पटेल दिनों दिन संकट में आते जा रहे हैं, सामूहिक इस्तीफों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। उनके टिकट का विरोध करते हुये आज फिर 7 मोर्चा अध्यक्षों ने पूरी कार्यकारिणी के साथ सामूहिक इस्तीफा दिया है, साथ ही चेतावनी दी है कि आगे फिर इस्तीफें होंगे
संकट में सांसद देवजी पटेल, नहीं रुक रहा विरोध, आज फिर 7 मोर्चा अध्यक्षों ने पूरी कार्यकारिणी के साथ दिया सामूहिक इस्तीफा, आगे फिर होंगे इस्तीफें।
सांचोर विधानसभा सीट घमासान
सांचोर। सांसद देवजी पटेल दिनों दिन संकट में आते जा रहे हैं, सामूहिक इस्तीफों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
देवजी पटेल के विरोध के फलस्वरूप जारी इस्तीफा सीरिज में आज फिर 7 मोर्चा के अध्यक्षों ने मय कार्यकारिणी, सभी शक्ति केंद्र संयोजक, बुथ अध्यक्षों द्वारा सामूहिक इस्तीफे दिएं गए।
ज्ञात हो कि इससे पूर्व 6 मंडल अध्यक्षों के सामुहिक इस्तीफे बाद बिना किसी विचार विमर्श के नये मंडल अध्यक्षों की घोषणा से आहत होकर कल 18 मंडल महामंत्रियों ने सामूहिक इस्तीफे दिएं थे।
उसी क्रम में आज सभी 7 मोर्चा के अध्यक्ष मय कार्यकारिणी, सभी शक्ति केंद्र संयोजक, बुथ अध्यक्षों द्वारा आज सामूहिक इस्तीफे दिए गए।
कार्यकर्ताओं, इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों का कहना है कि अगर पार्टी अब भी प्रत्याशी बदलाव का प्रयास नहीं करेगी तो पन्ना प्रमुख एवं पेज़ समितियों के भी इस्तीफे देने के लिए कार्यकर्ता तैयार है।
देवजी का हर जगह विरोध --
देवजी पटेल जहा भी जा रहे है, भारी विरोध हो रहा है। लोग उन्हें टिकट वापस करने केलिए सीधे मुंह पर ही कह रहे है?? सैकड़ों लोगों का विरोध व उनके बीच टिकट वापस देने का दवाब ऐसा कि देवजी को जवाब तक नहीं सूझ रहा है।
जीवाराम चौधरी ने कह दिया - दावे जको कमल लेन पो आवे
पूर्व विधायक ने देवजी पटेल को यहां तक कह दिया की "दावे जको कमल लेन पो आवे। उहोरो इलाज तो का है।" अर्थात कोई भी कमल लेकर आ जाएगा उसका तो इलाज क्या है??"
बात यही नहीं रुकी यहां तक बोल दिया कि आप पार्टी को जाकर बोल दो कि हमारे यहां स्थिति ऐसी है, दूसरे को टिकट दो। इस पर देवजी पटेल ने कहा कि कोई पार्टी को जाकर कैसे बोल सकता है?? इस पर जीवाराम ने कहा कि आप अपनी है दूसरों की नहीं, क्यों नहीं बोल सकते।
15 साल से सांसद रहे देवजी भाई पटेल सांसदी छोड़कर अपने घरेलू पीच से विधानसभा का टिकट लेकर तो आ गए, लेकिन खेल आसान नहीं है।
15 वर्षों से उनके लिए भाग दौड़ कर रहे कार्यकर्ता, पदाधिकारी और मतदाता तक उनके इस निर्णय ने न केवल नाराज है, बल्कि आहत भी है।
लोगों का कहना है कि कारकर्ताओं का सम्मान करते हुए देवजी पटेल को खुद ही पीछे हटना चाहिए।
सांचोर भाजपा में बगावत नही रुकी तो यकीनन कहा जा सकता है कि पार्टी नेतृत्व को टिकट में बदलाव करने का निर्णय लेना पड़ सकता है!
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