किसान आन्दोलन: किसान आंदोलन में रोटी सेंकने पहुंच रहे कई नेता, दीपेन्द्रसिंह हुड्डा की रोटी जल गई
दिल्ली—हरियाणा के सिंधु बॉर्डर पर चल रहे किसान आन्दोलन को राजनीतिक दलों का समर्थन मिल गया है। ऐसे में कई नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता दीपेन्द्रसिंह हुड्डा जब वहां बन रहे खाने में रोटी सेंकने की कोशिश करते दिखे तो उनकी रोटी जल गई। अब हुड्डा का फोटो वायरल हो रहा है।
नई दिल्ली | दिल्ली—हरियाणा के सिंधु बॉर्डर पर चल रहे किसान आन्दोलन को राजनीतिक दलों का समर्थन मिल गया है। ऐसे में कई नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता दीपेन्द्रसिंह हुड्डा जब वहां बन रहे खाने में रोटी सेंकने की कोशिश करते दिखे तो उनकी रोटी जल गई। अब हुड्डा का फोटो वायरल हो रहा है।
अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे, कहा सेवादार बनकर आया हूं
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच सोमवार की सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने किसानों के लिए किए गए इंतजामों का जायजा भी लिया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम शुरू से किसान आंदोलन के साथ खड़े है। मैं किसानों की माग से सहमत हूं और मुझे लगता है सभी मांग जायज है। सरकार को उनकी बात माननी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मैं आज यहां मुख्यमंत्री बनकर नहीं आया, मैं यहां उनका सेवादार बनकर आया हूं। मैंने यहां की व्यस्था भी देखी है। कुछ पानी की दिक्कत है, उससे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा।
कल रहेगा भारत बंद
कृषि क्षेत्र से जुड़े नए कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की खातिर मंगलवार (8 दिसंबर) को भारत बंद रहेगा। देशभर के विभिन्न किसान संगठनों ने राष्ट्रव्यापी बंद बुलाया है। कांग्रेस, लेफ्ट समेत अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने भारत बंद को समर्थन (Support to Bharat Bandh) देने का ऐलान किया है। ये दल मंगलवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा ट्रेड, इंडस्ट्रीज और बैंकिंग से जुड़ी कई यूनियनों ने भी किसान आंदोलन और 'भारत बंद' को सपोर्ट करने की बात कही है। यानी राजनीतिक और संगठन के स्तर पर भारत बंद को सफल बनाने की पूरी तैयारी है। अलग-अलग राज्यों में 'भारत बंद' का अलग-अलग असर देखने को मिल सकता है क्योंकि कुछ जगहों पर स्थानीय स्तर पर बड़े प्रदर्शन की योजना है। आंदोलन का केंद्र मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर ही रहेगा।
किसानों की मांगों के आगे नरम पड़ी सरकार
ध्यान रहे कि किसान संगठनों से कई दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद केंद्र सरकार थोड़ी नरम जरूर पड़ी है। कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार लिखित में दे सकती है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य बरकरार रखा जाएगा। हालांकि चौधरी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में किसान आंदोलन को डिसक्रेडिट करते हुए यह भी कह दिया कि उन्हें नहीं लगता कि ये असली किसान हैं। चौधरी ने कहा, 'मैं नहीं मानता कि असली किसान, जो अपने खेतों में काम कर रहे हैं, वे इस बारे में चिंतित हैं।' उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक लोग आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं और देश के किसान नए कानूनों के समर्थन में हैं।
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