जान की हिफाजत मांग रहा नेवी का सिपाही: हक के लिए आवाज उठाई तो मिल गया शांति भंग करने की चेष्टा में पाबंदी का नोटिस
राजस्थान
04 Aug 2022
आबू पर्वत के तोरणा का 43 वर्षीय जोगेन्द्र सिंह पुत्र जुगल किशोर जाट भी अपने परिजनों की साजिश का शिकार हो चुका हैं। साजिश भी ऐसी कि जब उसने आवाज उठाने की हिमाकत की तो उसके खिलाफ शांति भंग करने की चेष्टा करने का नोटिस जारी कर उसे पाबंद करने की तैयारियां शुरू हो गई।
सिरोही। सरकारें भले ही आंकड़ों की बाजीगरी दिखाकर अपने प्रदेशों में कानून व्यवस्था का इकबाल बुलंद करने की बात कहती हो, लेकिन धरातल पर अंजाम इससे जुदा हैं। राजस्थान और गुजरात की सीमा पर आबाद राज्य के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल भी इससे अलग नहीं है। बीते कुछ सालों में यहां पनपे पर्यटन व्यवसाय की आड़ में ऐसी ही आंकड़ों की बाजीगरी ने कई मालिकों को न केवल अर्श से फर्श पर ला दिया हैं, बल्कि यहां माफिया बेखौफ पनप रहा हैं। कमाई का लालच आम इंसान के साथ हो तो एकबारगी समझ में आ जाता हैं, लेकिन नेवी के एक्स सर्विसमैन के साथ अगर कुछ गलत हो तो फिर कानून कायदे ताक में रखे नजर आते हैं। आबू पर्वत के तोरणा का 43 वर्षीय जोगेन्द्र सिंह पुत्र जुगल किशोर जाट भी अपने परिजनों की साजिश का शिकार हो चुका हैं। साजिश भी ऐसी कि जब उसने आवाज उठाने की हिमाकत की तो उसके खिलाफ शांति भंग करने की चेष्टा करने का नोटिस जारी कर उसे पाबंद करने की तैयारियां शुरू हो गई। स्थानीय प्रशासन से मदद के बदले अन्याय मिलता देख अब जोगेन्द्र सिंह ने इस क्रूरता के खिलाफ पुलिस महानिदेशक तक अपनी व्यथा पहुंचाई हैं।
आबू पर्वत पहुंचने के बाद उसने यह घटना पत्नी व बच्चों को बताई तो पत्नी कहने लगी कि ये तो हमें जेल में डलवा देगा। उसने धमकी दी कि अगर तुमने हमारे किसी के भी खिलाफ रिपोर्ट दी तो हम सब मिलकर तुझे पागल घोषित करवा देंगे। कुछ देर बाद ही उसके सिर पर पत्नी ने डंडे से वार किया व तीनों बच्चों ने मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। आरोपितों की ओर से रचे गये षडयंत्र में उसकी पत्नी खाने व नाश्ते में नशीली दवाईयां मिलाकर रोजाना देती थी। उसके बाद से उसकी तबीयत खराब रहने लगी। उसे नशे का आदी बताकर आठ सितम्बर 2021 को जबरन फर्जी नशा मुक्ति केन्द्र पलवल हरियाणा में भर्ती करा दिया गया। वहां भी उसके साथ मारपीट कर जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता रहा। इस दौरान उसके एटीएम पिन नम्बर जबरन मारपीट कर पूछे गए। उसे एक अप्रैल 2022 तक नशा मुक्ति केन्द्र में रखा गया। इसी दरम्यान उसकी खरीदशुदा सम्पति को बिहारी लाल पूर्विया ने अपने नाम करवा लिया। उसके नशा मुक्ति केन्द्र में रहने के दौरान बिना सहमति पंजाब बैंक के एटीएम से 29 मार्च 2022 तक करीब तीन लाख व यूनियन बैंक के एटीएम से चार दिसम्बर 2021 तक 4 लाख 10 हजार 215 रुपये निकाले गए।
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