राजस्थान हाईकोर्ट से राजे को राहत: राजस्थान की पूर्व सीएम राजे को आवास से जुड़े मामले में हाईकोर्ट से राहत, अब नहीं देना होगा 10 हजार प्रतिदिन का हर्जाना

राजस्थान हाईकोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बड़ी राहत मिल गई। वसुंधरा राजे को राज्य सरकार की ओर से बंगला देने से जुड़ी याचिको को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। राज्य सरकार ने वसुंधरा राजे का बंगले के अलॉटमेंट का हकदार बताया था, इसके हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

राजस्थान की पूर्व सीएम राजे को आवास से जुड़े मामले में हाईकोर्ट से राहत, अब नहीं देना होगा 10 हजार प्रतिदिन का हर्जाना

नई दिल्ली, एजेंसी। 
राजस्थान हाईकोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बड़ी राहत मिल गई। वसुंधरा राजे को राज्य सरकार की ओर से बंगला देने से जुड़ी याचिको को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
राज्य सरकार ने वसुंधरा राजे का बंगले के अलॉटमेंट का हकदार बताया था, इसके हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
वहीं कोर्ट ने पक्षकार बनाए मुख्य सचिव को भी कंटेम्प्ट से मुक्त कर दिया। 
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे से 4 सितंबर 2019 से 1 अगस्त 2020 तक बंगले में रहने के लिए प्रतिदिन दस हजार रुपए हर्जाना वसूलने की मांग की गई थी।
कोर्ट के आदेश के बाद अब यह हर्जाना नहीं देना पड़ेगा।
जस्टिस अनूप ढंड तथा जस्टिस पंकज भंडारी की डिवीजनल बेंच ने यह आदेश मिलापचंद डांडिया की कंटेम्प्ट याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। 
कोर्ट ने कहा कि इसमें जानबूझकर यानी विलफुल कंटेम्प्ट नहीं हुआ है। कोर्ट ने 8 मार्च को सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। 
10 हजार रुपए हर्जाना वसूलने की मांग 
वकील विमल चौधरी के मुताबिक याचिकाकर्ता मिलापचंद भंडारी की ओर से कोर्ट में यह बताया गया था कि राज्य सरकार ने 18 अगस्त 2020 को वरिष्ठ विधायकों को आवास आवंटित करने के लिए श्रेणी तय की थी। 
इसके तहत राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को आवास देने की बात कही जा रही है, लेकिन वसुंधरा राजे पहले से वहां रह रही हैं। 
ऐसे में कैटेगरी बाद में तय की गई, जबकि राज्य सरकार ने 2 अगस्त 2019 को तय समय में आवास खाली नहीं करने पर संबंधित मंत्री को रोजाना 10 हजार रुपए का हर्जाना देने का प्रोविजन किया था।
इस लिए 4 सितंबर 2019 से 1 सितंबर 2020 तक के समय में बंगले रहने पर राजे से हर्जाना क्यों नहीं वसूल किया गया।
 
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि वसुंधरा राजे को वरिष्ठ विधायक होने के चलते आवास दिया गया। 
इसमें कोर्ट की अवमानना नहीं हुई है। तत्कालीन सीएस ने भी राजे को बंगले के लिए योग्य बताया था। 

आखिर क्या है मामला
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जयपुर में 13 सिविल लाइंस बंगला आवंटित था। इस बंगले के आवंटित करने के मामले में मिलापचंद डांडिया की ओर से कोर्ट में अवमानना याचिका लगाई गई थी। 
इसमें कहा गया कि 4 सितंबर 2019 को कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने के संबंध में किए गए प्रावधानों को रद्द कर दिया गया था। ऐसे में राजे को दी गई सुविधा गलत है। 
इस मामले मे राज्य सरकार ने सितंबर 2020 में अतिरिक्त शपथ पत्र पेश किया। सरकार ने कहा कि पूर्व सीएम की सुविधाओं के नियमों में संशोधन कर दिया गया। इस शपथ पत्र में सरकार ने कहा कि राजे वरिष्ठ विधायक है, इस लिए उन्हें बंगला दिया गया।

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