Rajasthan@ शिक्षा मंत्री का विवादित बयान: महिला शिक्षकों पर विवादित बयान के बाद महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री डोटासरा को बताया मूर्ख, मांगा इस्तीफा

सुमन शर्मा ने बताया कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने महिला शिक्षकों को लेकर विवादित और शर्मसार करने वाला बयान दिया है। शर्मा ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का महिलाओं को लेकर इस तरह का बयान देना पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है।

महिला शिक्षकों पर विवादित बयान के बाद महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री डोटासरा को बताया मूर्ख, मांगा इस्तीफा

जयपुर।
राजस्थान की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से लगातार हलचल  हो रही है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के पदाधिकारियों को मुर्ख बता दिया तो अब राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री को मुर्ख बताते हुए इस्तीफा देने की मांग कर दी। पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने बताया कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने महिला शिक्षकों को लेकर विवादित और शर्मसार करने वाला बयान दिया है। शर्मा ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का महिलाओं को लेकर इस तरह का बयान देना पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है। ऐसे में शिक्षा मंत्री डोटासरा को माफी मांगते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं इस मामले में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी बोलते हुए शर्मनाक बताया। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर शिक्षा मंत्री डोटासरा ने कहा था कि महिला कर्मचारी आपस में बहुत लड़ती हैं। स्कूलों में महिला शिक्षकों और कर्मचारियों की संख्या ज्यादा होती है, वहां झगड़े भी ज्यादा होते हैं। मेरे पास ऐसी रिपोर्ट आती है। यही बातें, उन्हें पुरुषों से आगे निकलने से रोकती हैं। डोटासरा ने तो यहां तक कह दिया कि  'महिलाओं के झगड़ों के कारण प्रिंसिपल को सिर दर्द की गोली तक खानी पड़ती है।'
मूर्ख मंत्री का इस तरह का बयान, निंदनीय
शिक्षा मंत्री डोटासरा के बयान देने के बाद सुमन शर्मा ने कहा कि एक मूर्ख मंत्री का महिलाओं को लेकर इस तरह का बयान देना निंदनीय है। शर्मा ने कहा कि मुझे प्रदेश सरकार के मंत्रियों पर शर्म आती है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सरकार के शिक्षा मंत्री कहते हैं कि जहां महिलाएं एकत्रित होती हैं, वहां लड़ाई—झगड़े होते हैं। शिक्षा मंत्री को इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कांग्रेस का कल्चर ही करप्ट होता जा रहा है। महिलाओं को अपमानित करना और उनके लिए अनर्गल बयानबाजी करना ही कांग्रेस का उद्देश्य रह गया है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश में इनकी संवेदनहीनता का उदाहरण है कि महिला आयोग के अध्यक्ष जैसे पद को इन्होंने खाली रखा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि राजस्थान की बहन-बेटियां रोती रहें और तड़पती रहें, लेकिन इनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आने वाली। शिक्षा मंत्री का बयान महिला जाति का अपमान है। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस ओर ध्यान तक नहीं दे रहें। इसका खामियाजा राजस्थान की महिलाओं को उठाना पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री को सार्वजनिक मंच से महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करनी चाहिए। इससे भविष्य में कोई भी राजनेता महिलाओं के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करने से पहले कई बार सोचे।


शिक्षा मंत्री के बयान को बताया बेतुका: मेघवाल
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान को बेतुका बताया।  मेघवाल ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने इस तरह का बयान देकर महिलाओं की क्षमता पर सवालिया निशान लगाया है। शिक्षा मंत्री होकर इस तरह का बयान देना शर्मनाक है। इसे प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी।

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