ईडी ने फेल कर दी सभी योजना: पार्थ चटर्जी और अर्पिता के बीच चल रही प्लानिंग के खुले कई राज
ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के बीच अब कई राज खुलने लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के बीच चल रही योजना को लेकर खुलासा किया है।
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कोलकाता | ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के बीच अब कई राज खुलने लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के बीच चल रही योजना को लेकर खुलासा किया है। ईडी ने जांच में पाया है कि अर्पिता और पार्थ चटर्जी संयुक्त रूप से संपत्तियों को खरीद रहे थे। अगर कोई गलत गतिविधियों में शामिल रहा है, तो हम में से कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा चाहे वो कितना भी कठोर फैसला क्यों न वहीं दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस मामले में कहा है कि, अगर कोई गलत गतिविधियों में शामिल रहा है, तो हम में से कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा चाहे वो कितना भी कठोर फैसला क्यों न झेले। हम उनका समर्थन नहीं करेंगे।झेले। हम उनका समर्थन नहीं करेंगेरू पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और ज्डब् नेता ममता बनर्जी
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एक निश्चित समय सीमा के अंदर सच्चाई के आधार पर फैसला दिया जाना चाहिए। अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जाती है: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC नेता ममता बनर्जी pic.twitter.com/nIyh0T5iC9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 25, 2022
दोनों के बीच मोबाइल पर होता था संपर्क
ईडी को छापेमारी में उनके आवास से संपत्ति के ज्वाइंट सेल डीड मिली है। संयुक्त नाम से सेल डीड से यह पता चलता है कि दोनों संयुक्त रूप से संपत्तियों को खरीद रहे थे। ईडी को पार्थ चटर्जी के आवास से अर्पिता मुखर्जी की संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं। इसके अलावा दोनों की संयुक्त संपत्ति से जुड़े कागजात भी ईडी के हाथ लगे हैं। पार्थ चटर्जी हमेशा अर्पिता से संपर्क में रहता था और अर्पिता के साथ उसकी मोबाइल के जरिए बातचीत चलती रहती थी।
विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान ED ने पश्चिम बंगाल के मंत्री और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की 14 दिनों की हिरासत की मांग की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 25, 2022
अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी कंपनियों में पैसा लगाने की थी योजना
अर्पिता मुखर्जी ने ईडी की पूछताछ में स्वीकार किया कि ये नकदी पार्थ चटर्जी की है। जांच में खुलासा हुआ कि, अगर ईडी अर्पिता मुखर्जी के घर छापामारी नहीं करती तो यहां मिली नकद राशि को एक-दो दिन में घर से बाहर ले जाने का पूरा प्लान था। जांच सामने आया है कि, पार्थ अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी कंपनियों में भी पैसा लगाने जा रहा था।
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