गांवों में हड़कंप: राजस्थान के झाड़ोल में बांध टूटने का मंडराया खतरा, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, दो दिन स्कूल बंद

राजस्थान में बारिश का दौर लगातार बना हुआ है। जिसके चलते लगभग सभी नदियां और तालाब अब लबालब होने लगे है। उदयपुर में भी मेघ जमकर बरस रहे हैं। जिसके चलते यहां के झाड़ोल उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत माकड़ादेव में टिण्डोर नाका बांध (Tindor Naka Dam) के टूटने का खतरा पैदा हो गया है।

राजस्थान के झाड़ोल में बांध टूटने का मंडराया खतरा, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, दो दिन स्कूल बंद
File Photo

उदयपुर | राजस्थान में बारिश का दौर लगातार बना हुआ है। जिसके चलते लगभग सभी नदियां और तालाब अब लबालब होने लगे है। उदयपुर में भी मेघ जमकर बरस रहे हैं। जिसके चलते यहां के झाड़ोल उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत माकड़ादेव में टिण्डोर नाका बांध (Tindor Naka Dam) के टूटने का खतरा पैदा हो गया है। बांध की दीवारों से लगातार पानी रिस रहा है। ऐसे में दीवारों के गिरने का खतरा मंडराने लगा है। जिसके चलते आस-पास के गांवों में हड़कंप मचा हुआ है।

आस-पास के गांवों में दो दिन स्कूल बंद के निर्देश 
बांध से पानी के रिसाव की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और निचले क्षेत्र के लोगों को सावधान किया गया। खतरे की आशंका को देखते हुए उपखण्ड अधिकारी ने बैठक कर बुझा और सलदरी गांवों के सरकारी स्कूलों में दो दिन के लिए अवकाश रखने का निर्देश जारी हैं।

गेट खोल कर खाली करा जा रहा बांध
ग्रामीणों बताया कि, सोमवार रात को बांध के मेन गेट के पास स्लुस वेल क्षतिग्रस्त होकर पानी में गिर गया, जिससे खतरा और भी बढ़ गया है। बांध टूटने के खतरे के चलते इसके गेट खोलकर पानी निकाला जा रहा है। ऐसे में इन चार गांवों को अगले साल सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा। 15 साल पहले ग्रामिणों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए टिण्डोर नाका बांध का निर्माण किया गया था। इस बांध की कुल भराव क्षमता 27 फीट है। इस बांध से आस-पास के चार गांवों में किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध होता है। फिलहाल इस समय बांध में का जलस्तर 8 फीट है। यह बांध 2018 में पंचायतीराज को हस्तांतरित हुआ। 

ये भी पढ़ें:-  डर दिखा कामकाजी महिला का देहशोषण: नशीला शर्बत पिलाकर कॉन्स्टेबल समेत चार के खिलाफ देह शोषण का मामला दर्ज

रिसाव की शिकायत के बाद भी नहीं जागा प्रशासन
ग्रामिणों का कहना है कि, बीते चार सालों से बांध की देखरेख नहीं हुई है साथ ही बांध की मरम्मत के लिए पर्याप्त बजट भी नहीं मिलता है। जिससे बांध के मेंटीनेंस में कमी आ गई है। बांध में लम्बे समय से रिसाव होता रहा है। जिसके बारे में पूर्व में भी प्रशासन को इस बारे में अवगत कराया, लेकिन इसे गंभीर नहीं लिया गया।

क्या कहा जिम्मदारों ने?
बांध के टूटने की बात को लेकर जल संसाधन झाड़ोल खण्ड के एइएन का कहना है कि, गत वर्षों में बांध की देखरेख नहीं हो पाई है, जिससे पानी का रिसाव ज्यादा हुआ है। बांध के मेन गेट के पास स्लुस वेल भी डेमेज हुआ है। हालांकि, बांध टूटने का खतरा नहीं है, फिर भी पानी खाली कराया जा रहा है। बांध मरम्मत के लिए 1 करोड़ 20 लाख का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।

ये भी पढ़ें:-  Andra Pradesh Gas Leak: जहरीली गैस का तांडव! अचानक बेहोश होकर गिरने लगी महिलाएं, 50 की बिगड़ी तबियत

Must Read: 7 जिलों में बाढ़ के हालात, गांव बने टापू, धौलपुर में 27 अगस्त तक स्कूलों में अवकाश, सेना बचा रही लोगों को

पढें राजस्थान खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें First Bharat App.

  • Follow us on :