Jalore @ रामसीन अस्पताल MO की शिकायत: जालोर के जसवंतपुरा तहसील के रामसीन ग्रामवासियों की शिकायत, शराब के नशे में रामसीन अस्पताल के एमओ डॉ गजेंद्र चौधरी, कार्रवाई की मांग
जिले के जसवंतपुरा तहसील के रामसीन ग्राम वासियों ने सरकारी अस्पताल के एमओ डॉ गजेंद्र चौधरी की शिकायत की है। ग्रामवासियों का आरोप है कि एमओ डॉ चौधरी शराब के नशे में नौकरी कर रहे थे, इनकी लापरवाही के चलते एक 12 वर्षीय बच्ची को अस्पताल से रेफर किया गया
जालोर।
जिले के जसवंतपुरा(Jaswantpura) तहसील के रामसीन(Ramseen) ग्राम वासियों ने सरकारी अस्पताल के एमओ(MO) डॉ गजेंद्र चौधरी (Dr. Gajendra Choudhary) की शिकायत की है। ग्रामवासियों का आरोप है कि एमओ डॉ चौधरी शराब के नशे में नौकरी कर रहे थे, इनकी लापरवाही के चलते एक 12 वर्षीय बच्ची को अस्पताल से रेफर किया गया, जहां उसकी रास्त में ही मौत हो गई। ग्रामवासियों ने इस संबंध में चिकित्सा विभाग जयपुर, डीजीपी राजस्थान, जोधपुर रेंज आईजी, जालोर कलेक्टर, एसपी और रामसीन के थानाधिकारी को पत्र लिखकर रामसीन सरकारी अस्पताल के एमओ डॉ गजेंद्र चौधरी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की हैं। ग्रामवासी गोपाल सिंह ने बताया कि रविवार को सुबह रामसीन से बुगांव के बीच एक बस ने बाइक को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में पाली के देवली निवासी बजरंग दास पुत्र सांवलदास वैष्णव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी भांजी 12 वर्षीय लक्षिता गंभीर घायल हो गई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने घायल को रामसीन अस्पताल पहुंचाया तो एमओ डॉ गजेंद्र चौधरी ने फोन ही नहीं उठाया। इस पर घायल को रेफर कर दिया गया, जहां बच्ची की रास्ते में ही मौत हो गई।
3 घंटे बाद पहुंचे, पाए गए शराब के नशे में
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार सुबह 10.30 बजे एमओ डॉ चौधरी को फोन किया गया,लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद करीबन 1.30 बजे तीन घंटा हो गुजर जाने पर एमओ डॉ चौधरी अस्पताल पहुंचे। लेकिन इस दौरान वे शराब के नशे में थे। इतना ही नहीं, शराब के नशे में तीन घंटे बाद अस्पताल पहुंचने पर डॉ गजेंद्र चौधरी ने ग्रामवासी गोपाल सिंह, रमेश रावल, शंकर घांची, सुरेश पुरोहित के साथ अभ्रद व्यवहार किया। ग्रामीणों का आरोप है कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम नहीं किया गया, जबकि डॉ चौधरी मौके से फरार हो गए।
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