ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन: साल का तीसरा ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन का खिताब ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी के नाम,बार्टी ने कैरोलिना को हराकर जीता खिताब

साल को तीसरा ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन में टॉप सीड ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी ने महिला सिंगल्स का खिताब अपने नाम कर लिया। बार्टी ने शनिवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में 8वीं सीड चेक रिपब्लिक की कैरोलिना प्लिसकोवा को 3 सेटों तक चले मुकाबले में 6-3, 7-6, 6-3 से हराकर जीत अपनी झोली में डाली है।

साल का तीसरा ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन का खिताब ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी के नाम,बार्टी ने कैरोलिना को हराकर जीता खिताब

नई दिल्ली।
साल को तीसरा ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन (Wimbledon) में टॉप सीड ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी(Ashleigh Barty) ने महिला सिंगल्स का खिताब अपने नाम कर लिया। बार्टी ने शनिवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में 8वीं सीड चेक रिपब्लिक की कैरोलिना प्लिसकोवा (Karolina Pliskova) को 3 सेटों तक चले मुकाबले में 6-3, 7-6, 6-3 से हराकर जीत अपनी झोली में डाली है।

यह मैच 1 घंटा, 56 मिनट तक चला। 25 साल की बार्टी पहले एक प्रोफेशनल क्रिकेटर(professional cricketer) भी रह चुकी हैं और महिला बिग बैश लीग में ब्रिस्बेन हीट और क्वींसलैंड फायर की ओर से खेल चुकी हैं। बार्टी ने पहला सेट आसानी से 6-3 से अपने नाम कर लिया। लेकिन, प्लिसकोवा ने दूसरे सेट में जोरदार वापसी की और इसे टाईब्रेकर में पहंचा दिया। चेक खिलाड़ी ने यह टाईब्रेकर 7-4 से जीत कर मैच को 1-1 सेट की बराबरी पर ला दिया। हालांकि, तीसरे सेट में बार्टी ने अपनी लय फिर हासिल कर ली और इसे पहले सेट की तरह 6-3 से जीतकर मैच और खिताब अपने नाम कर लिया। इसी के साथ आखिरकार 41 साल बाद किसी ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी ने विम्बलडन में महिला सिंगल्स का खिताब जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया। उनसे पहले 1980 में इवोनी गुलागोंग कावली ने यह खिताब जीता था। बार्टी ने दूसरी बार कोई ग्रैंड स्लैम खिताब जीता है। इससे पहले वे 2019 में फ्रेंच ओपन में महिला सिंगल्स का खिताब जीत चुकी हैं।

टेनिस छोड़कर खेला क्रिकेट, फिर टेनिस में की वापसी  
एश्ले बार्टी के बारे में बताया जाता है कि उन्हें टेनिस ते पसंद था ही, उसके साथ में क्रिकेट भी बेहद पसंद था। इसी पसंद के चलते बार्टी ने सात साल पहले 2014 में यूएस ओपन के पहले ही दौर में बाहर होने के बाद उन्होंने इस खेल से ब्रेक लेने का फैसला लिया। 2015 में रैकेट छोड़ उन्होंने बल्ला थाम लिया। एश ने टेनिस से ऐसी दूरी बनाई कि इसे खेलना तो दूर इस बारे में बात करना भी बंद कर दिया था। उस दौरान उनकी एकल रैंकिंग 216 और युगल 40 थी। 2015 में ऑलराउंउर के रूप में महिला बिग बैश में ब्रिसबेन हीट और क्वींलैंड वीमन के लिए मुकाबले खेले। फिर जब क्रिकेट में झंडे गाड़ लिए तो दोबारा 2016 में पेशेवर टेनिस में वापसी की। आज विंबलडन जीत कर देश का नाम रोशन कर दिया।

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