गंभीर लापरवाही के बावजूद केवल चेतावनी: जालोर के रानीवाड़ा उपखंड मुख्यालय पर अस्पताल का प्रबंध निदेशक देख रहा था मरीज, बावजूद इसके बीसीएमओ ने कार्रवाई के नाम पर दी केवल चेतावनी

रानीवाड़ा के बीसीएमओ कार्रवाई के नाम पर केवल प्रबंध निदेशक को चेतावनी का नोटिस देकर पल्ला झाड़ रहे है तो यहां चिकित्सा विभाग पर सवाल खड़े होना लाजमी है। बहरहाल, बीसीएमओ की इस कार्रवाई पर चिकित्सा विभाग भी संतुष्ट नहीं है, अब जिले के सीएमएचओ साहब ने मामले में जांच करवाने का आश्वासन दिया है। 

जालोर के रानीवाड़ा उपखंड मुख्यालय पर अस्पताल का प्रबंध निदेशक देख रहा था मरीज, बावजूद इसके बीसीएमओ ने कार्रवाई के नाम पर दी केवल चेतावनी

जालोर।
जालोर जिले का स्वास्थ्य विभाग आमजन के जीवन के प्रति कितना संवेदनशील है इसका नमूना पेश किया है रानीवाड़ा के बीसीएमओ ने। एक गैर जिम्मेदार व्यक्ति या यूं कहा जाए कि किसी अस्पताल का प्रबंध निदेशक अगर चिकित्सक की कुर्सी पर बैठकर मरीज देख रहा है इतना ही नहीं, मरीजों को मनमर्जी की दवा भी दे रहा है। इन सब के बावजूद रानीवाड़ा के बीसीएमओ कार्रवाई के नाम पर केवल प्रबंध निदेशक को चेतावनी का नोटिस देकर पल्ला झाड़ रहे है तो यहां चिकित्सा विभाग पर सवाल खड़े होना लाजमी है। बहरहाल, बीसीएमओ की इस कार्रवाई पर चिकित्सा विभाग भी संतुष्ट नहीं है, अब जिले के सीएमएचओ साहब ने मामले में जांच करवाने का आश्वासन दिया है। 
आप को बता दें कि रानीवाड़ा स्थित पूजा अस्पताल के प्रबंध निदेशक द्वारा अस्पताल के चिकित्सक की मौत हो जाने के बाद भी स्वयं चिकित्सक बनकर मरीजों को देखने के इस मामले का खुलासा WWW.firstbharat.in   ने किया था। First Bharat के संवाददाता ने स्वयं मरीज बनकर फर्जी चिकित्सक को दिखाया तो उसने  लंबी दवा की पर्जी हाथ में थमा दी थी। इस फर्जी चिकित्सक की लिखी दवा पर्जी  बाजार में शायद ही किसी को समझ आए।  https://firstbharat.in/  ने फोटाग्राफ और दवा पर्जी के साथ "जालोर के रानीवाड़ा में उपखंड मुख्यालय पर मृत चिकित्सक कर रहा है लोगों का इलाज, चिकित्सा ​महकमा अनजान या जिम्मेदारों ने बंद कर रखी है आंखें" हेड लाइन से खबर चलाई थी। 

https://firstbharat.in/Dead-doctor-is-treating-people-at-subdivision-headquarters-in-Raniwara-of-Jalore 
यूं समझें मामले को 


रानीवाड़ा कस्बे के सांचोर सड़क मार्ग पर रेलवे फाटक के पार पूजा अस्पताल के चिकित्सक डॉ. संजय आर कापडीया का निधन 23 मार्च 2021 को हो गया था। इसके बाद अस्पताल के प्रबंध निदेशक बीआर देवासी द्वारा मरीजों को देखना शुरू कर दिया। किसी वैद्य डिग्री नहीं होने के बावजूद देवासी मरीजों को देखता रहा। देवासी ने डॉ संजय आर कापडीया का लैटर पेड तक इस्तेमाल किया और उनके नाम के नीचे स्वयं के मोबाइल नंबर लिखवाकर लोगों को पर्जी पर दवा देता रहा।

बी आर देवासी ने अपने नाम के साथ एमडीपीएच लिख रखा है। इस MDPH का अर्थ "मैनेजिंग डायरेक्टर ऑफ पूजा हॉस्पिटल" बताया जा रहा है। 
 
खबर के बाद बीसीएमओ की कार्रवाई जानें
फर्स्ट भारत.इन पर समाचार चलाने के बाद रानीवाड़ा खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 1 अप्रेल को पूजा अस्पताल का निरीक्षण किया। चौंकाने वाली बात यह है कि निरीक्षण के बाद बीसीएमओ ने अस्पताल प्रबंधन को यह चेतावनी दी कि इस तरह की गलती की पुनरावृत्ति भविष्य में नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाए। बीसीएमओ ने किसी चिकित्सक का एमओयू देख कर उसकी उपस्थिति प्रतिदिन कराने की पालना के निर्देश दे दिए।

जांच करने के दिए है निर्देश
रानीवाड़ा में पूजा अस्पताल का मामला मेरी जानकारी में आया है। इस संबंध में रानीवाड़ा के बीसीएमओ को जांच के निर्देश दिए है। केवल चेतावनी देकर नहीं छोड़ा जाएगा, जांच रिपोर्ट नहीं आने पर आवश्यकता पड़ी तो मैं स्वयं मामले की जांच करूंगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
डॉ. गजेंद्र सिंह देवल, सीएमएचओ, जालोर 

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