Jaipur@ शिक्षक तबादलों में रिश्वत का खेल: शिक्षक सम्मान समारोह में तबादलों का खेल उजागर, सीएम ने पूछा पैसे खिलाने पड़ते हैं तो जवाब आया हां
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिक्षकों से सवाल कर फंस गए। सीएम ने सवाल भी किया और स्वयं की सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर लिया। बिड़ला ऑडिटोरियम के मंच से मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा कि तबादलों में पैसों का लेनदेन होता है तो सभागार से जवाब आया हां!
जयपुर।
राजधानी जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आज शिक्षा विभाग का राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिक्षकों से सवाल कर फंस गए। सीएम ने सवाल भी किया और स्वयं की सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर लिया। बिड़ला ऑडिटोरियम के मंच से मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा कि तबादलों में पैसों का लेनदेन होता है तो सभागार से जवाब आया हां ! , हां का जवाब सुनकर स्वयं मुख्यमंत्री गहलोत एक बार तो आश्चर्यचकित हो गए। इसके बाद उन्होंने प्रश्न दौहराते हुए शिक्षामंत्री की ओर देखा। हालात यह बन गए कि इसके बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मंच से सफाई तक दी।
जानकारी के मुताबिक राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षकों के तबादले में पैसों के लेनदेन का मुद्दा उठाया। सीएम गहलोत ने कहा कि हम सुनते हैं कि शिक्षकों के तबादले के लिए कई बार पैसे खिलाने पड़ते हैं। पता नहीं, यह सही है य नहीं, आप बताइए। मुझे मालूम नहीं। इस पर शिक्षकों की तरफ से आवाज आई- हां, देने पड़ते हैं। इस पर सीएम ने कहा कि क्या यह बात सही है, पैसे देने पड़ते हैं क्या! समारोह में उपस्थित शिक्षकों की ओर से आवाज आई कि हां देने पड़ते हैंं। इस पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कमाल है।
दुखदायी बात, ट्रांसफर पॉलिसी जल्द
शिक्षक समारोह में पैसे की बात सुनकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह बहुत ही दुखदायी बात हैं कि शिक्षक पैसे देकर ट्रांसफर करवाने को लालायित है। कोई पॉलिसी बन जाए, सबको मालूम रहे कि उसका तबादला कब होना है, तब जाकर ना पैसे चलेंगे ना ही विधायक के पास जाना पड़ेगा। अभी क्या हो रहा है कि जिसकी सांसद —विधायक के साथ चल गई उसका हो जाता है। विधायक आकर मंत्री जी के कपड़े फाड़ते हैं कि मेरे तो 50 ही तबादले किए, मेरे तो 100 ही किए।
शिक्षामंत्री डोटासरा की सफाई
शिक्षक समारोह में मुख्यमंत्री का भाषण समाप्त होने के बाद शिक्षामंत्री ने माइक संभालते हुए इस पर अपनी सफाई दी। शिक्षामंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री साहब ने एक बात छेड़ी है। मेरे यहां स्टाफ में एक चाय भी किसी ने मांगी है तो बता देना मुझे। यहां हम प्रदेश में मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में ट्रांसफर नीति लागू करेंगे। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत के शिक्षक तबादलों में पैसे को लेकर सवाल करना विपक्ष को बोलने का एक ओर अवसर देना हो गया। भाजपा भी सीएम के इस बयान पर एक के बाद एक कई सवाल कर दिए। सीएम ने विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया। ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर भी भाजपा सरकार को घेरेगी।
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