सिरोही के निजी अस्पताल की गंभीर लापरवाही: कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत नहीं था सरूपगंज का पालनपुर हाॅस्पिटल एंड ट्रोमा सेंटर, बावजूद इसके कर रहा था कोविड मरीजों का इलाज, कोरोना मरीज की मौत के बाद हंगामा, एसडीएम ने जांच कर दिए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश

सिरोही जिले के सरूपगंज कस्बे के पास नई धनारी में संचालित पालनपुर हॉस्पिटल एंड ट्रोमा सेंटर कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत नहीं है, बावजूद इसके अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जा रहा है। दो दिन पूर्व अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीज की मौत ने जहां जिला प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी,

कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत नहीं था सरूपगंज का पालनपुर हाॅस्पिटल एंड ट्रोमा सेंटर, बावजूद इसके कर रहा था कोविड मरीजों का इलाज, कोरोना मरीज की मौत के बाद हंगामा, एसडीएम ने जांच कर दिए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश

सिरोही
सिरोही जिले के सरूपगंज कस्बे के पास नई धनारी में संचालित पालनपुर हॉस्पिटल एंड ट्रोमा सेंटर कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत नहीं है, बावजूद इसके अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जा रहा है। दो दिन पूर्व अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीज की मौत ने जहां जिला प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी, वहीं जिम्मेदारों को नींद से जगा दिया। इसका परिणाम रहा है कि शनिवार को शिकायत के बाद पिंडवाडा एसडीएम ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान पालनपुर हॉस्पिटल एंड ट्रोमा सेंटर प्रशासन के खिलाफ भारी अनियमितताएं मिली। इस पर एसडीएम ने जांच कर अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देष दिए। 


जानकारीके मुताबिक पालनपुर अस्पताल में दो दिन पूर्व कोरोना संदिग्ध एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उसके बाद उसके परिजनों द्वारा हंगामा कर दिया था। मृतक कपिल रावल के परिजनों की शिकायत के बाद आज पिंडवाड़ा एसडीएम हरिसिंह देवल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेशकुमार, खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ एसपी शर्मा इस निजी अस्पताल पहुंचे। और अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर की डिग्रियां देखी।
ऑर्थोपेडिक चिकित्सक कर रहा था कोविड मरीजों का इलाज


एसडीएम के निरीक्षण के दौरान अस्पताल में मात्र एक ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट डाॅक्टर मिला। यहां कोरोना के संदिग्ध मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जा रहा हैं। जबकि केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक कोविड इलाज के लिए अधिकृत अस्पताल में ही कोरोना मरीजों या कोरोना संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जा सकता। इसके साथ ही इस निजी अस्पताल में बायोवेस्ट के निस्तारण में भी भारी खामियां पाई गई हैं। एसडीएम के नेतृत्व में आई टीम ने इस निजी अस्पताल में स्थित मेडिकल स्टोर की भी जांच की तो यहां कई प्रतिबंधित ड्रग्स पाए गए, जिसका किसी प्रकार का रजिस्टर निर्धारण नहीं किया जा रहा हैं। जांच के दौरान इस अस्पताल में आज भी दो कोरोना संदिग्ध मरीज भर्ती मिले। जो गंभीर लापरवाही और सरकारी नियमों की खुली अवहेलना की श्रेणी में आता हैं। हालांकि एसडीएम ने इन दोनों मरीजों के परिजनों से बातचीत कर उन्हें जिला अस्पताल या आबूरोड़ स्थित मानसरोवर कोविड सेंटर भेजने की समझाइश की, हालांकि वे नहीं गए। एसडीएम ने दोनों मरीजांे के परिजनों से लिखित ने उनका जवाब लिया। एसडीएम हरिसिंह देवल ने थानाधिकारी छगन डांगी और बीसीएमओ डॉ एसपी शर्मा को निर्देशित किया कि जांच में जो भी कमियां उजागर होती हैं उसको लेकर अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही महामारी अधिनियम और आपदा अधिनियम के तहत भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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