अब आभूषण पर हॉल मार्किंग अनिवार्य: राजस्थान में 25 हजार ज्वैलर्स में से केवल 1250 के पास ही हॉलमार्किंग लाइसेंस, सरकार 1 जून से हॉलमार्किंग कर रही है अनिवार्य

प्रदेश सहित देशभर में एक जून से साेने की ज्वैलरी पर हाॅलमार्किंग अनिवार्य होने जा रहा है। अगर इस बार तारीख नहीं बढाई गई तो प्रदेश के अधिकांश ज्वैलर्स के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। 1 जून से गोल्ड ज्वैलरी कारोबार के लिए बीआईएस से लाइसेंस जरूरी हाेगा।

राजस्थान में 25 हजार ज्वैलर्स में से केवल 1250 के पास ही हॉलमार्किंग लाइसेंस, सरकार 1 जून से हॉलमार्किंग कर रही है अनिवार्य

जयपुर।
प्रदेश सहित देशभर में एक जून से साेने की ज्वैलरी पर हाॅलमार्किंग अनिवार्य होने जा रहा है। अगर इस बार तारीख नहीं बढाई गई तो प्रदेश के अधिकांश ज्वैलर्स के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। 1 जून से गोल्ड ज्वैलरी कारोबार के लिए बीआईएस से लाइसेंस जरूरी हाेगा। इससे प्रदेश में लगभग 23 हजार ज्वैलरी शॉप पर संकट खड़ा हाे गया है। प्रदेश में अभी सिर्फ 1,246 ज्वैलर्स ने ही बीआईएस (Bureau of Indian Standards) से लाइसेंस लिया है। इनमें से भी 63 का लाइसेंस 31 मई काे खत्म हो जाएगा।
प्रदेश में ज्वैलर्स की संख्या करीबन 25,000 बताई जा रही है। उधर, बीआईएस के स्थानीय कार्यालय ने एक जून से पहले ज्वैलर्स काे लाइसेंस देने के लिए फिलहाल काेई प्लानिंग नहीं की है। बीआईएस अधिकारी इस बारे में जानकारी देने से भी बच रहे हैं। बात करें राजस्थान के 33 जिलों में से 16 जिलों बांसबाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दाैसा, धौेलपुर, डूंगरपुर, टाेंक, जैसलमेर, जालाैर, झालावाड़ा, कराैली, राजसमंद और प्रतापगढ़ में हाॅलमार्किंग सेंटर तक नहीं हैं। ऐसे में इन जिलों के ज्वैलर्स काे गोल्ड ज्वैलरी पर हाॅलमार्किंग के लिए दूसरे शहरों में जाना पड़ेगा। जबकि बिना हॉलमार्क ज्वैलरी काे एक-दूसरे स्थान पर ले जाना गैर-कानूनी माना जाएगा।
14,18 और 22 कैरेट गोल्ड बेचने की होगी अनुमति
सरकार के इस फैसले के बाद 14, 18 और 22 कैरेट गाेल्ड की हाॅलमार्क ज्चैलरी बेचने की अनुमति है। हाॅलमार्क से उपभाेक्ताओं काे मानक के हिसाब से साेना मिलेगा। तय साेना नहीं हाेने पर उपभाेक्ता बीआईएस काे शिकायत कर सकेंगे। सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी, जयपुर केे अध्यक्ष कैलाश मित्तल का कहना है सरकार बिना बुनियादी ढांचे के हाॅलमार्किंग काे अनिवार्य कर रही है। 95% ज्वैलर्स के पास लाइसेंस नहीं है। लाॅकडाउन की वजह से ज्वैलर्स लाइसेंस भी नहीं ले सके। ऐसे में इस की तारीख आगे बढ़ानी चाहिए। 
2019 में ही सरकार ने कर दी थी घोषणा 
केंद्र सरकार पहली जून से सोने के आभूषणों तथा कृतियों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अभी यह स्वैच्छिक है। केंद्र ने सोने के आभूषणों तथा कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग को 15 जनवरी, 2021 से अनिवार्य करने की घोषणा नवंबर, 2019 में की थी। जौहरियों को हॉलमार्किंग की तैयारी करने तथा भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पास अपना पंजीकरण कराने के लिए एक साल से अधिक का समय दिया गया था। 
कोविड-19 महामारी के बीच सर्राफा कारोबारियों की मांग पर इस समय-सीमा को बढ़ाकर जून, 2021 कर दिया गया था। उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा है कि और सयम बढ़ाने की मांग अभी तक किसी ने नहीं की है। बीआईएस जौहरियों को हॉलमार्किंग की मंजूरियां देने में लगा है। बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि हम जून से हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के लिए तैयार हैं। अभी तक 34,647 सर्राफा कारोबारियों ने बीआईएस के पास पंजीकरण कराया है।

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