फोन टेपिंग केस सीएम ओएसडी का मामला: दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं होंगे राजस्थान सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा, जानिए कारण

फोन टेपिंग केस में राजस्थान की राजनीति एक बार फिर से तेज हो गई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने भी अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने से इनकार कर दिया। आप को बता दें कि दिल्ली क्राइम ब्रांच ने चार दिन पहले ही लोकेश शर्मा को नोटिस भेजकर 24 जुलाई को 11 बजे पूछताछ के लिए पेश

दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं होंगे राजस्थान सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा, जानिए कारण

नई दिल्ली।
फोन टेपिंग केस (phone tapping case)में राजस्थान की राजनीति एक बार फिर से तेज हो गई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के OSD लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma)ने भी अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच(Crime Branch of Delhi Police) के सामने पेश होने से इनकार कर दिया। आप को बता दें कि दिल्ली क्राइम ब्रांच ने चार दिन पहले ही लोकेश शर्मा को नोटिस भेजकर 24 जुलाई को 11 बजे पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था। इससे पहले ही शर्मा ने दिल्ली पुलिस को मेल कर दो से तीन सप्ताह का समय मांगा है। इतना ही नहीं, शर्मा ने अति आवश्यकता होने पर वीसी से पूछताछ के लिए उपलब्ध होने की बात कह दी। शर्मा ने दिल्ली पुलिस के नोटिस का मेल से जवाब भेजते हुए लिखा है कि व्यक्तिगत कारणों से दो-तीन सप्ताह तक जयपुर से बाहर यात्रा करने में सक्षम नहीं हूं,इसके बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने में कोई दिक्कत नहीं है। दो-तीन सप्ताह के बाद जब भी दिल्ली क्राइम ब्रांच नई तारीख देगी तब पेश हो जाऊंगा। इस बीच जरूरी होने पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग पर उपलब्ध हूं।

क्या है मामला 
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat)के परिवाद पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 25 मार्च को मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ फोन टैपिंग और ऑडियो वायरल करके छवि खराब करने के मामले में केस दर्ज किया था। लोकेश शर्मा ने इस एफआईआर को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद उन्हें 6 अगस्त तक किसी भी तरह की गिरफ्तारी या कार्रवाई से छूट मिली हुई है। दिल्ली हाईकोर्ट में अब मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होनी है। लोकेश शर्मा ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का नोटिस मिलने के बाद कानूनी जानकारों की राय ली। कानूनी राय (legal opinion)के बाद रणनीति के तहत 6 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होने तक पूछताछ के लिए पेश नहीं होने का फैसला किया है। इसीलिए क्राइम ब्रांच से दो तीन सप्ताह का समय मांगा गया है। गौरतलब है कि इससे पहले  सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी (Government Chief Whip Mahesh Joshi)को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने उम्र का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए जाने से इनकार कर दिया था। महेश जोशी का FIR में नाम नहीं था, लेकिन लोकेश शर्मा के खिलाफ नामजद एफआईआर है।

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