इजराइल में गठबंधन वाली सरकार: इजराइल में नफ्ताली बेनेट ने संभाली प्रधानमंत्री की कुर्सी, महज 1वोट से बनी गठबंधन वाली सरकार

इजराइल में आज नई सरकार का गठन हो गया है। अब 8 पार्टियों की गठबंधन वाली सरकार की कमान कट्टपंथी माने जानेवाले नफ्ताली बेनेट को सौंप दी गई। इस बार इस गठबंधन में पहली बार कोई अरब-मुस्लिम पार्टी (राम) भी शामिल है। दूसरी तरफ, बेंजामिन नेतन्याहू के 12 साल का कार्यकाल खत्म हो गया।

इजराइल में नफ्ताली बेनेट ने संभाली प्रधानमंत्री की कुर्सी, महज 1वोट से बनी गठबंधन वाली सरकार

नई दिल्ली।
इजराइल(Israel) में आज नई सरकार का गठन हो गया है। अब 8 पार्टियों की गठबंधन वाली सरकार की कमान कट्टपंथी माने जानेवाले नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett ) को सौंप दी गई। इस बार इस गठबंधन में पहली बार कोई अरब-मुस्लिम पार्टी (राम) भी शामिल है। दूसरी तरफ, बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के 12 साल का कार्यकाल खत्म हो गया। वे भी गठबंधन सरकार के ही मुखिया थे। आश्चर्य की बात यह है कि रविवार देर रात सरकार के पक्ष में 60 जबकि विरोध में 59 सांसदों ने वोट किया। गठबंधन में शामिल राम पार्टी के एमके साद अल हरूमी वोटिंग से गैरहाजिर रहे। सीधे तौर पर कहें तो गठबंधन सरकार और विपक्ष के बीच सिर्फ एक सीट का फासला है। बेनेट के PM पद की शपथ लेने के बाद नेतन्याहू ने उन्हें हाथ मिलाकर बधाई दी। संसद में अपने भाषण के दौरान PM बेनेट ने कहा कि मैं बेंजामिन और सारा नेतन्याहू का शुक्रिया अदा करता हूं। इसमें कोई दो राय नहीं कि उन्होंने देश के लिए कई कुर्बानियां दी हैं। हालांकि, बेनेट के भाषण के दौरान विपक्ष नारेबाजी करता रहा। बताया जा रहा है कि इजराइली संसद में रविवार को काफी हंगामा और नारेबाजी हुई। बेनेट जब भाषण देने खड़े हुए तो विपक्ष ने झूठा और अपराधी जैसे शब्दों का प्रयोग किया।  नेतन्याहू ने कहा कि आज यहां जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर ईरान बहुत खुश हो रहा होगा। आज हमारे देश के सामने एक साथ कई खतरे आ खड़े हुए हैं। इजराइली सियासत में अस्थिरता कई साल से नजर आ रही है। दो साल में चार चुनाव हुए, लेकिन किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। बेनेट PM भले ही बन गए हों और उन्होंने गठबंधन भी बना लिया हो, लेकिन उनकी सरकार को लेकर लोग बहुत आशावान नहीं हैं। इसकी एक वजह है कि इस गठबंधन के पास बहुमत से सिर्फ एक सीट ही ज्यादा है। अगर किसी भी मुद्दे पर गठबंधन में मतभेद हुए तो नया चुनाव ही रास्ता बचेगा।

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