Dungarpur @ कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ: राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर कृषि महाविद्यालय का ऑनलाइन किया उद्घाटन, सीएम ने कहा कृषि का अलग बजट लाने का सरकार ने किया निर्णय
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कृषि शिक्षा के लिए कही कोई एक कॉलेज भी खुलता है तो वह युवाओं को कृषि क्षेत्र से जोड़ उन्हें अर्थव्यवस्था में योगदान देने का अवसर प्रदान करने जैसा है। उन्होंने युवाओं को कृषि से अधिकाधिक जोड़े जाने के लिए कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने कार्य भी विश्वविद्यालय स्तर पर किए जाने पर जोर दिया।
जयपुर।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कृषि शिक्षा के लिए कही कोई एक कॉलेज भी खुलता है तो वह युवाओं को कृषि क्षेत्र से जोड़ उन्हें अर्थव्यवस्था में योगदान देने का अवसर प्रदान करने जैसा है। उन्होंने युवाओं को कृषि से अधिकाधिक जोड़े जाने के लिए कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने, कृषि शिक्षा के तहत सूचना-संचार तकनीक आधारित खेती को बढ़ावा देने, स्थानीय जलवायु के अनुरूप कम पानी में अधिक उत्पादन वाली फसलों की पहचान कर कृषि के लिए उनकी अनुशंषा करने का कार्य भी विश्वविद्यालय स्तर पर किए जाने पर जोर दिया।
राज्यपाल बुधवार को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर की संघटक इकाई के रूप में स्थापित कृषि महाविद्यालय, डूंगरपुर के शुभारम्भ अवसर पर राजभवन से ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे कृषि शिक्षा के दौरान ही युवाओं को एक उद्यमी के रूप में सफल होने के लिए तैयार करें। मिश्रा ने इसके लिए उद्यमिता, कौशल प्रशिक्षण की सुविधाओं से युवाओं को लाभान्वित करने के प्रयास जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं को कृषि के क्षेत्र में अपना नया ‘स्टार्ट-अप’ व्यवसाय शुरू करने के लिए कृषि शिक्षा के दौरान ही प्रेरित किया जाए। मिश्र ने कृषि के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण, भण्डारण, विपणन आदि के साथ फार्म टूरिज्म जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने की चर्चा करते हुए कहा कि कृषि शिक्षा इस समय सबसे बड़ी जरूरत यह भी है कि युवा खेती में नवीन और आधुनिक रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें। राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा पेटेन्ट कार्य, रोबोटिक्स संबंधित नव-प्रर्वतन, ’मेवाड़ ऋतु’ एप से मौसम भविष्यवाणी आदि कदमों की सराहना करते हुए कृषि क्षेत्र में विश्वविद्यालय को देश का उत्कृष्ट केन्द्र बनाने का आह्वान किया।
2 साल में 13 कृषि महाविद्यालय खोलने का निर्णय:सीएम गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि कृषि क्षेत्र पर ग्रामीण आबादी की निर्भरता को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा गत दो वर्ष में 13 कृषि महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया। आदिवासी क्षेत्र में कृषि महाविद्यालय प्रारम्भ होने से यहां के छात्रों की लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र की शैक्षिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए ही बांसवाड़ा में अभियांत्रिकी महाविद्यालय और गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय प्रारम्भ किए गए हैं। गहलोत ने कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र प्रदेश में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए व्यक्तिगत रुचि लेकर प्रयास कर रहे हैं, जिससे इस दिशा में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि को प्राथमिकता पर रखते हुए राज्य सरकार ने कृषि का अलग बजट प्रस्तुत करने का निर्णय किया है और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कृषि प्रसंस्करण नीति-2019 और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति लागू की है। किसानों को खुद की कृषि प्रसंस्करण इकाई लगाने पर एक करोड़ रूपये तक अनुदान दिया जा रहा है। इस अवसर पर कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार ही उत्पादन में वृद्धि की कुंजी हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरसों, बाजरा सहित कई फसलों के उत्पादन में देशभर में अग्रणी है। दुग्ध उत्पादन में भी राजस्थान पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि पशुधन की नस्लों को लेकर भी राजस्थन की अपनी विशिष्ट पहचान है। कृषि एवं पशुपालन राज्य मंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देकर किसानों की आय बढ़ाने के लिए राजस्थान में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जनजातीय जिले डूंगरपुर में कृषि महाविद्यालय की स्थापना भी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
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