Bombay High Court@ सेक्सुअल हरासमेंट केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने वर्क प्लेस पर सेक्सुअल हरासमेंट से जुड़े केस में दिया अहम निर्णय

वर्क प्लेस पर सेक्सुअल हरासमेंट केस बॉम्बे हाईकोर्ट ने अहम निर्णय लिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट के मुताबिक अब सेक्सुअल हरासमेंट केस में मीडिया रिपोटिंग पर रोक लगा दी गई है। अब कोर्ट ने इस तरह के मामलों की रिपोर्टिंग के दौरान संस्थान का नाम प्रकाशित और प्रसारित नहीं करने के निर्देश दिए हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने वर्क प्लेस पर सेक्सुअल हरासमेंट से जुड़े केस में   दिया अहम निर्णय

नई दिल्ली, एजेंसी।
वर्क प्लेस पर सेक्सुअल हरासमेंट केस बॉम्बे हाईकोर्ट ने अहम निर्णय लिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट के मुताबिक अब सेक्सुअल हरासमेंट केस में मीडिया रिपोटिंग पर रोक लगा दी गई है। अब कोर्ट ने इस तरह के मामलों की रिपोर्टिंग के दौरान संस्थान का नाम प्रकाशित और प्रसारित नहीं करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने ये भी कहा कि सेक्सुअल हरासमेंट मामले में अक्सर बढ़ा चढ़ाकर रिपोर्टिंग की जाती है, ऐसे में आरोपी और पीड़ित के अधिकारों का हनन होता है। बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम पटेल ने इन केस में आदेशों और निर्णयों की मीडिया रिपोर्टिंग करने पर रोक लगाते हुए कहा कि अब इन मामलों के आदेश भी सार्वजनिक अपलोड नहीं किए जा सकते हैं। फैसले की कॉपी में पार्टियों की पहचान योग्य जानकारी का उल्लेख नहीं किए जाएंगे। इस तरह के केस में ​कोईभी आदेश खुली अदालत में नहीं दिया जाएगा। इसमें न्यायाधीश के कक्ष में या फिर कैमरे में दिए जाएंगे। कोर्ट ने इस मामले में कहा कि यदि किसी पक्ष द्वारा इसका उल्लंघन किया जाता है तो इसे न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी। इतना ही नहीं, किसी भी पक्ष के वकील या गवाह मीडिया में मामले की जानकारी या फाइलिंग के विवरण का खुलासा नहीं कर सकते हैं। इस तरह की रिपोर्टिंंग में ‘A बनाम B’, ‘P बनाम D’ लिखा और पढ़ा जाएगा। वहीं इस केस से जुड़े रिकॉर्ड को सीलबंद रखा जाएगा। एडवोकेट आन रिकॉर्ड के अलावा किसी को भी फाइलिंग या आदेश का निरीक्षण करने के पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।

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