Rajasthan @ कृषि बजट की तैयारियां शुरू: राजस्थान के इतिहास में पहली बार अलग से पेश किया जाएगा कृषि बजट, बजट की तैयारियों में प्रगतिशील किसानों से संवाद शुरू
राजस्थान सरकार वित्तीय वर्ष में किसानों के लिए एक अभिनव पहल करने जा रही है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार राजस्थान का कृषि बजट अलग से पेश किया जाएगा। कृषि बजट में खेती, किसानी, पशुपालन, डेयरी और कृषि से जुड़े प्रस्ताव पेश किए जाएंगे।
जयपुर।
राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) वित्तीय वर्ष में किसानों के लिए एक अभिनव पहल करने जा रही है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार राजस्थान का कृषि बजट अलग से पेश किया जाएगा। कृषि बजट (Agriculture Budget) में खेती, किसानी, पशुपालन, डेयरी और कृषि से जुड़े प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले कृषि बजट की पूर्व तैयारियों को लेकर गुरूवार को गहलोत सरकार के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया (Agriculture Minister Lal Chand Kataria), कृषि विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार और आयुक्त डॉ. ओम प्रकाश सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने अजमेर संभाग के प्रगतिशील किसानों, पशुपालकों, मछली पालकों, सहकारिता व डेयरी विशेषज्ञों तथा विभिन्न विषय विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कार्यक्रम में ऑनलाइन संवाद (online communication) किया और अन्य अधिकारी व किसान अजमेर में राजस्थान शिक्षा बोर्ड के रीट सभागार में उपस्थित रहे।
इस दौरान कृषि मंत्री कटारिया ने कहा कि राजस्थान सरकार किसानों के लिए, किसानों का बजट पेश करने जा रही है। राजस्थान में कृषि क्षेत्र में नए युग की शुरूआत करने वाले बजट में उन्ही प्रस्तावों को शामिल किया जाएगा जो किसान चाहते हैं। कृषि बजट को लेकर राजस्थान के सभी संभागों में किसानों (Farmers), पशुपालकों, डेयरी संचालकों (Dairy operators) व मछली पालकों (Fish farmers) आदि से चर्चा की जा रही हैंं। इन लोगों से पूछा जा रहा है कि वे कृषि बजट में क्या चाहते हैं, कृषि बजट का स्वरूप कैसा होना चाहिए साथ ही किसानों में बेहतर समन्वय कैसे स्थापित किया जाए। कृषि विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि संभाग स्तरीय कृषक संवाद(Farmer's Dialogue) का यह पहला कार्यक्रम अजमेर से शुरू किया गया है। सरकार के संवाद में किसानों द्वारा बताए गए मुद्दों को राज्य सरकार के समक्ष रखा जाएगा। इसके साथ ही कार्यक्रम में प्राप्त सुझावों को उनकी प्राथमिकता व आवश्यकता के अनुसार राज्य बजट में शामिल किया जाएगा। कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश(Dr. Omprakash) ने कहा कि बैठक में प्राप्त सुझावों की लिस्टिंग करके विषय विशेषज्ञों से भी चर्चा की जाएगी। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालयों की भी एक बैठक आगामी दिनों में प्रस्तावित हैं । उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने सुझाव लिखित में भी जयपुर या अपने जिलें में अधिकारियो के जरिए सरकार तक पहुंचा सकते हैं। बैठक में संभागीय आयुक्त डॉ. वीना प्रधान,जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित (District Collector Prakash Rajpurohit), अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गजेन्द्र सिंह राठौड़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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