भारत: इंग्लैंड, वेल्स में चौतरफा हड़ताल के पक्ष में वकील
लंदन, 22 अगस्त (आईएएनएस)। इंग्लैंड और वेल्स में आपराधिक मामलों के वकीलों ने नौकरियों और वेतन को लेकर सरकार के साथ लगातार अगले महीने चौतरफा हड़ताल के पक्ष में मतदान किया है।डीपीए न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिमिनल बार एसोसिएशन (सीबीए)
डीपीए न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिमिनल बार एसोसिएशन (सीबीए) के सदस्य वैकल्पिक सप्ताहों यानी एक हफ्ता छोड़कर उससे हफ्ते में वॉकआउट कर रहे हैं, लेकिन 5 सितंबर से शुरू होने वाली अनिश्चितकालीन, निर्बाध हड़ताल के साथ इंडस्ट्रियल एक्शन को आगे बढ़ाने के लिए मतदान किया गया है।
रविवार आधी रात को मतदान बंद हुआ और सोमवार सुबह परिणाम घोषित किया गया।
सीबीए की उपाध्यक्ष क्रिस्टी ब्रिमेलो ने कहा कि अदालतों के खाली बैठने की तुलना में कम पैसे की मांग पर यह अंतिम उपाय की कार्रवाई है।
उन्होंने बीबीसी से बातचीत करते हुए कहा, (हड़ताल का) प्रभाव यह होगा कि अदालतें सुनवाई के मामलों में खाली ही बैठती रहेंगी और मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है। यह एक अंतिम उपाय है।
यह उपाय मामलों के बैकलॉग में पैसों के लिए है, जो वर्तमान में 60,000 मामलों का आंकड़ा छू चुका है, जिस पर बैरिस्टर काम कर रहे हैं। सरकार को प्रति माह केवल 1.1 मिलियन पाउंड (1.18 मिलियन डॉलर) खर्च होंगे।
वर्तमान में, अदालतों के खाली रहने पर बहुत अधिक लागत आ रही है।
न्याय मंत्रालय (एमओजे) के आंकड़ों के अनुसार, कानूनी सहायता वकालत कार्य के लिए शर्तों और सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क पर विवाद के परिणामस्वरूप 6,000 से अधिक अदालती सुनवाई बाधित हुई है।
सूचना की स्वतंत्रता कानूनों के तहत जारी किए गए डेटा से पता चलता है कि इंडस्ट्रियल एक्शन के पहले 19 दिनों के दौरान, 27 जून से 5 अगस्त के बीच, इंग्लैंड और वेल्स में 1,415 ट्रायल सहित 6,235 अदालती मामलों को बाधित किया गया है।
आपराधिक मामलों के वकीलों को सितंबर के अंत से 15 प्रतिशत शुल्क वृद्धि मिलने वाली है, जिसका अर्थ है कि वे प्रति वर्ष 7,000 पाउंड अधिक कमाएंगे।
लेकिन इस बात पर गुस्सा व्याप्त है कि प्रस्तावित वेतन वृद्धि को तुरंत प्रभावी नहीं किया जाएगा और यह केवल नए मामलों पर लागू होगा।
एमओजे ने पहले कहा था कि उसने सीबीए को बार-बार बताया था कि बैकडेटिंग वेतन के लिए मौलिक परिवर्तन की आवश्यकता होगी कि शुल्क का भुगतान कैसे किया जाता है। इसकी ओर से कहा गया था, उस सुधार से करदाताओं के पैसे की अनुपातहीन राशि खर्च होगी और इसे लागू करने में अधिक समय लगेगा। मतलब बैरिस्टरों को भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना होगा।
--आईएएनएस
एकेके/एएनएम
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