पाली के लिए आज से शुरू वाटर ट्रेन: पाली पहुंची 20 लाख लीटर पानी से भरी हुई वाटर ट्रेन, जोधपुर से पाली रोजाना पहुंचेगा 80 लाख लीटर जल

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशन में पीएचईडी द्वारा प्रदेश में विशेष चिन्हित गांव, शहर और कस्बों में जनता की पेयजल आवश्यकताओं के मद्देनजर अग्रिम तैयारियां करते हुए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं।

पाली पहुंची 20 लाख लीटर पानी से भरी हुई वाटर ट्रेन,  जोधपुर से पाली रोजाना पहुंचेगा 80 लाख लीटर जल

जयपुर।
आखिरकार पाली में जल संकट के बीच वाटर ट्रेन शुरू हो गई। आज रविवार को पाली के लिए जोधपुर से पहली वाटर ट्रेन शुरू हुई। इसी के साथ राज्य सरकार ने पाली के लोगों के लिए जल संकट का अस्थाई समाधान निकालते हुए पानी पहुंचाया। राज्य सरकार एक सीजन में वाटर ट्रेन से करोड़ रुपए खर्च करने की बजाय पाइप लाइन बिछाकर इसका स्थाई समाधान निकाल सकती है, लेकिन कई ये राजनीति जनता पर भारी पड़ रही है।

आज रविवार को वाटर ट्रेन के 50—50 हजार लीटर क्षमता के 40 टैंकरों में 20 लाख लीटर पानी के साथ जोधपुर से रवाना होकर ट्रेन पाली पहुंची। वाटर ट्रेन द्वारा प्रतिदिन चार फेरे किए जाएंगे, इस प्रकार जोधपुर से पाली को रोजाना 80 लाख लीटर की जलापूर्ति होगी।


जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग(पीएचईडी)द्वारा आगामी मानसून में जंवाई बांध में वांछित मात्रा में जल आवक होने तक जोधपुर से पाली शहर के लिए वाटर ट्रेन का निर्बाध संचालन होगा।
जलदाय मंत्री डॉ.महेश जोशी ने बताया कि राज्य सरकार गर्मी के मौसम में प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध एवं सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशन में पीएचईडी द्वारा प्रदेश में विशेष चिन्हित गांव, शहर और कस्बों में जनता की पेयजल आवश्यकताओं के मद्देनजर अग्रिम तैयारियां करते हुए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं।
इसी के तहत पाली शहर के लिए विशेष ट्रेन से जल परिवहन आरम्भ कर दिया गया है। राज्य सरकार ने प्रदेश में रोड टैंकर्स से जल परिवहन के लिए 11580 लाख रुपए की स्वीकृति दी है।

सरकार ने रेलवे को किया अग्रिम भुगतान
पाली शहर में वाटर ट्रेन से जल परिवहन के लिए रेलवे द्वारा प्रत्येक फेरे का शुल्क 4 लाख 5 हजार 972 रुपए निर्धारित किया गया है। 
पीएचईडी द्वारा व्यापक जनहित में किये जा रहे पेयजल प्रबंध के लिए रेलवे को नि:शुल्क परिवहन के संदर्भ में लिखित में आग्रह किया है परन्तु रेलवे की ओर से इसका कोई जवाब प्राप्त नहीं होने के कारण राज्य सरकार द्वारा जोधपुर से पाली नगर को पेयजल परिवहन के लिए रेलवे शुल्क सहित राज्य आपदा प्रबन्धन मद से  17.71 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। 
इस प्रकार पाली शहर में वाटर ट्रेन से जल परिवहन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिदिन 16 लाख रुपए की राशि वहन की जाएगी। सरकार की ओर से रेलवे को 50 हजार रुपए की आरंभिक रजिस्ट्रेशन फ़ीस के अलावा छ: फेरों की अग्रिम राशि जमा करवा दी गई है। 
इसके अलावा जोधपुर से रोहट के मध्य नई पाईप लाईन के लिए भी 28 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई है।  

6 बार हो चुका वाटर ट्रेन का संचालन
गत वर्ष 2021 के मानसून में जंवाई बांध में अपेक्षा के अनुरूप जल की आवक कम हुई। इस कारण जवाई बांध पर आधारित पेयजल योजनाओं से पाली ज़िले के 8 शहर, 561 गांव एवं सिरोही ज़िले के शिवगंज कस्बे को 16 मार्च 2022 तक गुरुत्व आधारित प्राप्त होने वाले जल से पेयजल आपूर्ति की जा सकी। 
डेड स्टोरेज पम्पिंग द्वारा आगामी माह मई 2022 के प्रथम सप्ताह तक पाली नगर को पेयजल आपूर्ति संभव होने की सम्भावना है। 
इसे देखते हुए पीएचईडी द्वारा गत दो—तीन माह से की गई अग्रिम प्लानिंग और व्यवस्थाओं के अनुरूप पाली शहर को जोधपुर स्थित भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर तख्त सागर से प्राप्त जल को वाटर ट्रेन से परिवहन की व्यवस्था शुरू की गई है। 
इससे पहले पाली के लिए जोधपुर से  वर्ष 2000, 2001, 2002-03, 2005, 2009 एवं वर्ष 2019 में भी रेल से जल परिवहन की व्यवस्था की गई थी।
         

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