फर्स्ट भारत बना आम आदमी की आवाज: गांधी की अहिंसा वाली ताकत के सामने झुकी पालिका, हीना रिसोर्ट अब पड़ेगा खटाई में
फर्स्ट भारत के सिलसिलेवार समाचारों के सामने स्थानीय प्रशासन के हाथ बंधे, हीना रिसोर्ट को दी गई निर्माण पत्रावली का होगा दोबारा विधिक परीक्षण, पालिका की ओर से मांगे मानने के बाद विजय लालवानी ने अनशन तोड़ा
माउंट आबू | प्रदेश के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू में पशु चिकित्सालय के सामने स्वायत शासन विभाग के मनमाने आदेशों तथा नगर पालिका प्रशासन की अनदेखी के चलते स्वीकृत मानचित्र की बजाय मनमर्जी से एक रसूखदार की ओर से बनाया जा रहा हीना रिसोर्ट का निर्माण अब खटाई में पड़ सकता है।
एक आम आदमी विजय लालवानी की ओर से आमजन के हितों को लेकर पालिका कार्यालय के बाहर किए जा रहे अनशन को देखते हुए स्थानीय प्रशासन गुरुवार सवेरे सक्रिय हो गया। पालिका के सहायक नगर नियोजक नरेन्द्र वर्मा ने गुरुवार सुबह अनशन स्थल पर पहुंचकर विजय लालवानी की मांगे मान ली।
पालिका और लालवानी के बीच हुए लिखित समझौते में पालिका ने लालवानी की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों का विधिक परीक्षण करवा रिपोर्ट आने तक हीना रिसोर्ट को किसी भी तरह की निर्माण स्वीकृति जारी करने से इनकार कर दिया।
साथ ही, इस मामले में रिसोर्ट को दी गई अनुमतियों का दोबारा परीक्षण करवाने पर सहमति बन गई। इसके बाद लालवानी ने अनशन तोड़ दिया।
लालवानी 18 जुलाई को इस मामले को लेकर पालिका के बाहर अनशन पर बैठ गए थे। उनकी मांग थी कि हीना रिसोर्ट को लेकर जिस तरह से निर्माण स्वीकृति दी जा रही है, उसी तरह से अन्य आवेदकों को भी निर्माण मंजूरी दी जाएं।
लालवानी का कहना था कि हीना रिसोर्ट को सभी तरह के मानदंडों को दरकिनार कर निर्माण मंजूरी दी जा रही है। इस संबंध में बीते एक साल से वे सभी जरूरी दस्तावेज पालिका तथा संबंधित एजेन्सियों को मुहैया करवा रहे हैं, इसके बावजूद नियमों को दरकिनार कर हीना रिसोर्ट को निर्माण के मामले में रियायतें दी जा रही है, जबकि आम आदमी अपने मकान की मरम्मत करवाने के लिए भी दर-दर कर ठोकरें खाने को मजबूर है।
मामले की नजाकत को देखते हुए फर्स्ट भारत सबसे पहले मौके पर पहुंचा। फर्स्ट भारत ने पहले दिन से ही इस संबंध में सिलसिलेवार समाचारों का प्रकाशन कर आम आदमी की आवाज को बुलंद किया। गुजरे तीन दिनों से फर्स्ट भारत ने अपने समाचारों के माध्यम से प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया। इसके बाद पालिका प्रशासन और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हुआ।
एक दिन पहले पालिका आयुक्त शिवपाल सिंह ने तसल्ली से अनशन स्थल पहुंचकर लालवानी की मांगों को ध्यानपूर्वक सुना तथा उनके दस्तावेजों के आधार पर हीना रिसोर्ट को दी गई निर्माण स्वीकृतियों को सैद्धांतिक तौर पर गलत माना। बुधवार को इस मामले में पालिका तथा अनशनकारी लालवानी के बीच कई मर्तबा बातचीत हुई लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई।
ये भी पढ़ें:- REET Exam 2022: 26 जुलाई तक रोडवेज बसों में निःशुल्क यात्रा, जयपुर मेट्रो में भी कर सकेंगे फ्री सफर
गुरुवार सवेरे ही पालिका प्रशासन के दूत के तौर पर सहायक नगर नियोजक नरेन्द्र वर्मा अनशन स्थल पर पहुंचे तथा लालवानी की मांगे सुनकर पालिका तथा लालवानी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। इसका नतीजा निकला और कुछ ही देर में पालिका ने लालवानी की मुख्य मांग मान ली।
पालिका ने अनशनकारी लालवानी के साथ लिखित समझौता किया, जिसमें हीना रिसोर्ट को दी गई निर्माण स्वीकृति का विधिक परीक्षण करवा रिपोर्ट आने तक किसी भी तरह की इजाजत नहीं देने की मांग मान ली।
माउंट बना तस्करी का नया गढ़: हिल स्टेशन पर टैंकरों में पानी की जगह बह रही बजरी
पालिका ने हीना रिसोर्ट को दी गई निर्माण स्वीकृति के संबंध में जांच करवाने तथा आगामी दिनों में हीना रिसोर्ट के मामले में हर रिपोर्ट लालवानी को उपलब्ध करवाने का भी आश्वासन दिया। लिखित समझौता होने के बाद लालवानी ने अपना अनशन तोड़ दिया। सहायक नगर नियोजक नरेन्द्र वर्मा ने जूस पिलाकर लालवानी का अनशन तुड़वाया।
इस मौके पर महेश लालवानी, पार्षद विकास अग्रवाल, पार्षद मंगलसिंह, आबू संघर्ष समिति के सदस्य भास्कर अग्रवाल, प्रेमसिंह जोधा, भरतसिंह राठौड़, प्रशांत श्रोत्रिय समेत बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद रहे। शहरवासियों का कहना था कि विजय लालवानी की ओर से की गई इस तपस्या का परिणाम शहर के अन्य बाशिन्दों को भी मिलेगा। हीना रिसोर्ट को नियमविरूद्ध दी गई स्वीकृति पर पालिका की ओर से एक्शन लिए जाने के फलस्वरूप आमजन को भी निर्माण स्वीकृति मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा।
पढें राजस्थान खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें First Bharat App.