Rajasthan: बैठक में भजनलाल सरकार पर भड़के संयम लोढ़ा, बोले एमओयू में क्या हुआ...
राजस्थान की भजनलाल सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरी तरह निराशा जनक रहा हैं। लोगों से किए गए वायदों पर इस सरकार ने कोई कार्य शुरू ही नहीं किया उल्टा कांग्रेस शासन में स्वीकृत कार्य को बंद करने का, योजनाओं के नाम बदलने का इसी में सरकार का पूरा एक साल निकल गया। राइजिंग राजस्थान के नाम पर इन्होंने जो आडंबर किया वो आने वा
Jalore | राजस्थान की भजनलाल सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरी तरह निराशा जनक रहा हैं। लोगों से किए गए वायदों पर इस सरकार ने कोई कार्य शुरू ही नहीं किया उल्टा कांग्रेस शासन में स्वीकृत कार्य को बंद करने का, योजनाओं के नाम बदलने का इसी में सरकार का पूरा एक साल निकल गया। राइजिंग राजस्थान के नाम पर इन्होंने जो आडंबर किया वो आने वाले समय में राजस्थान की धन संपदा को व्यक्ति विशेष को लुटाने के परिणाम के रूप में सामने आएगा। सरकार जिन मुद्दों को लेकर पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना करती थी उसको लेकर वो कुछ भी काम नहीं कर पाए। यहां तक कि जिन 17 भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल ने जो टिप्पणियां की उन पर भी अभी तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं कर सकें।
भाजपा सरकार की नाकामी का एक साल जनता बेबस और बदहाल पर जालौर के राजीव गांधी भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा ने संबोधित किया।
लोढ़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में जनता को किसी भी प्रकार की राहत प्रदान करना तो दूर रहा महंगाई बेरोजगारी, महिला अत्याचार, बलात्कार, किसानों का शोषण लूट, डकैती की वारदातों को कम करने के लिए भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। जनकल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी और आम जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार की उदासीनता से प्रदेश की जनता में सरकार के खिलाफ भारी असंतोष बढ़ा है। विकास कार्यों का अभाव और सरकार की विफलता से यह साफ है कि भाजपा सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने में पूरी तरह से फेल रही है।
भाजपा शासन में नियुक्त RPSC सदस्य रामोराम राईका की गिरफ्तारी के बाद में सम्पूर्ण कार्यवाही एक असमंजस के वातावरण के बीच पूरी तरह से रुक गई हैं। यह सरकार की गंभीरता पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़े करती हैं।
लोढा ने बताया कि किसान सम्मान निधि के नाम ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार ने सम्मान निधि की राशि 12000 रुपये सालाना भी नहीं की। MSP पर किसानों की बाजरे की फसल नहीं खरीदी गई। गेहूं की MSP के ऊपर बोनस देकर 2,700 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद की घोषणा जुमला साबित हुई। अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का किसानों को मुआवजा नहीं मिला। किसानों को सस्ते दाम में कृषि उपकरण उपलब्ध कराने हेतु 5,000 नए कस्टम हायरिंग केंद्रों की अभी तक स्थापित नहीं किया।
भाजपा की नाकाम पर्ची सरकार ने युवाओं को एक वर्ष में 1 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था उसे भी पूरा नहीं किया। 11 महीने से युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला। भाजपा सरकार ने संविदा भर्ती निकालकर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया। 23000 पदों पर निकाली गई सफाईकर्मी की भर्ती परीक्षा रद्द करके हज़ारों युवाओं के नौकरी पाने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
संयम लोढा ने बताया कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण सरकारी स्कूलों में नामांकन लगभग 10 प्रतिशत तक घटा, आधा सत्र बीतने के बावजूद 69 लाख विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म नहीं मिली। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को यूनिफॉर्म आदि के लिए 1200 रुपये की वार्षिक सहायता नहीं मिली। ट्रांसफर पॉलिसी लागू नहीं कर इस सरकार ने अध्यापकों के साथ खिलवाड़ किया हैं।
करीब 1 लाख से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। IIT की तर्ज पर राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना नहीं हुई हैं। खेल आधुनिकीकरण को लेकर सरकार के एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई कार्य योजना नहीं बनाई गई। प्रदेश का पहला एविएशन विश्वविद्यालय स्थापित नहीं हुआ। महिला सुरक्षा को भाजपा की दिल्ली से आई पर्ची सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाए।
7 हजार बच्चियों और महिलाओं से दरिंदगी की घटनाएं बढ़ी। महिला अपराध और अत्याचार के करीब 40 हजार मामले दर्ज किए गए। मुख्यमंत्री का गृह जिला भरतपुर महिला अस्मिता पर चोट करने में अव्वल रहा। लाडो प्रोत्साहन योजना में वालिका जन्म पर 2 लाख के सेविंग बॉन्ड की घोषणा अब तक धरातल पर नहीं उतरी
लोढा ने बताया कि भाजपा सरकार द्वारा 12-12 घंटे की अघोषित बिजली कटौती की जा रही हैं। प्रदेश 400 से 600 लाख यूनिट बिजली की कमी से जूझता रहा। फ्यूल सरचार्ज बढ़ाकर जनता से 5000 करोड़ की वसूली कर रही है। भाजपा सरकार ने फिक्स चार्ज में 10 फीसदी से अधिक की बढोतरी कर आमजन के साथ खिलवाड किया। करीब 30 लाख से अधिक उपभोक्ता बिजली सब्सिडी से रहे वंचित।
किसानों को 6-6 घंटे बिजली देने का वादा झूठा साबित हुआ। सरकार द्वारा बिजली बोर्ड को निजी हाथों में देकर आमजन से मनमानी वसूली की जा रही हैं। ERCP और यमुना जल समझौते में राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ किया गया हैं। सरकार ने ERCP- PKC का MoU सार्वजनिक नहीं किया गया वही यमुना जल समझौते को लेकर अब तक नई DPR नहीं बनाई गई।
तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने 25 लाख तक का निःशुल्क इलाज शुरू किया गया। RGHS के लाभार्थियों को दवाई एवं जांच कराने में असुविधा हो रही हैं। 40,000 करोड़ के निवेश के
साथ भामाशाह हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन पर अभी तक कार्य शुरू नहीं किया गया। सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी हैं। 2 बार DLC रेट बढ़ाकर लोगो पर महंगाई की अतिरिक्त मार की हैं।
तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने 500 रुपए में आमजन को पट्टे दिया वही भाजपा की पर्ची सरकार ने इस योजना को आते ही बंद कर प्लॉट का पट्टा 8 गुना महंगा किया।
वन इलेक्शन के नाम पर सरकार अभी तक निकायों के चुनाव, पंचायत चुनाव एवं यूनिवर्सिटी के चुनाव नहीं करा पाई। वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों को 1,500 रुपए प्रतिमाह पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा हैं।
इस सरकार में ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह से हावी हैं। सरकार के मंत्री की अपने विभाग में सुनवाई नहीं हो रही हैं। सरकार अनेक मंत्रियों ने व्यूरोक्रेसी हावी होने की सार्वजनिक रूप से कही हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जन अभाव अभियोग समिति के पूर्व अध्यक्ष पुखराज पाराशर प्रदेश कांग्रेस संगठनात्मक प्रभारी मोहन डावर, जिला कांग्रेस अध्यक्ष भंवर लाल मेघवाल, विधानसभा प्रत्याशी रमिला मेघवाल, सरोज चौधरी, सवाराम पटेल आदि उपस्थित थे।
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