एएसपी और संयम लोढ़ा में तकरार: सिरोही में एएसपी ने कहा यहीं सलटा दूंगा तो संयम लोढ़ा बोले ये वर्दी हमारे लोगों की खिदमत के लिए मिली है, बहादुरी मत दिखाओ
पूर्व सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार सिरोही से पूर्व विधायक संयम लोढा ने ड्यूटी पर तैनात एएसपी से तू तडाक करते हुए क्या कर लेगा बोल गए। इस दौरान संयम खो चुके पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि ये वर्दी हमारे लोगों की खिदमत करने के लिए मिली है। मुझे बहादूरी मत दिखा, इस वर्दी का दुरूपयोग मत कर। अपनी वर्दी का रोब दिखा रहा है,
सिरोही, 29 जून 2024। राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस के प्रदर्शनों पर जगह—जगह एफआईआर हो रही है। यही नहीं पुलिस के अफसर भी नई सरकार में नम्बर अच्छे करने के लिए कांग्रेस के नेताओं से भिड़ंत दिखाकर अपनी एसीआर ठीक करने की कोशिशों में जुटे हैं। भले ही सिरोही का ही मामला देखें या कोटा का। प्रदेश के गुजरात के सीमावर्ती जिले सिरोही में भी एक पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार के बयान का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। हालांकि अब एएसपी का भी यही सलटा दूंगा बयान वाला वीडियो भी वायरल हुआ है। इसने साबित किया है कि पुलिस भी एकतरफा वायरल—वायरल की कलाकारियों में पीछे नहीं है।
एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पूर्व सीएम के राजनीतिक सलाहकार संयम लोढ़ा एक पुलिस अधिकारी से उलझ रहे हैं। मीडिया में खबरें बनने लगी। हालांकि पूर्व सीएम सलाहकार लोढ़ा के पहले भी कई उग्र माहौल वाले वीडियो सामने आए हैं, जिसमें वे राजनीतिक तेवर दिखाते रहे हैं। पूर्व जिला कलक्टर सरवन कुमार के साथ बहस भी एक उदाहरण है।
क्या जनता की आवाज़ उठाना जुर्म है? क्या हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करना कानून का उल्लंघन है?
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) June 29, 2024
भाजपा की #पर्ची_सरकार कांग्रेस नेताओं पर फर्जी मुक़दमे दर्ज करके क्या साबित करना चाहती है?
BJP ठीक से समझ ले, कांग्रेस के सिपाही किसी से नहीं डरते। https://t.co/nl4uACf9cZ
जानकारी के अनुसार शिवगंज पुलिस थाना इलाके में खंदरा गांव में पोमजी महाराज की पत्नी की हत्या के मामले में पुलिस द्वारा ढाई माह बाद भी आरोपियों को पकड़ नहीं पाई। ऐसे में पूर्व विधायक संयम लोढा ने ग्रामीणों के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया। पुलिस अधीक्षक को कलेक्ट्रेट गेट पर बुलाने की बात पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ पुलिस की बहस हुई।
इस दौरान लोग जबरन कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने का प्रयास करने लेगे तो पुलिस टीम ने प्रदर्शनकारियों को अंदर प्रवेश करने से रोका। इसी दौरान एएसपी और पूर्व विधायक के बीच तीखी बहस शुरू हो गई।
पूज्य संत ब्रह्मलीन पोमजी महाराज की धर्म पत्नी सत्तु बाई की हत्या के ढ़ाई माह बाद भी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर 36 कौम के साथ संयम जी लोढ़ा ने धरना दिया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही ने कहां कि मैं अभी यहीं सलटा दूंगा तब उन्हें यह जवाब दिया गया। आप देखे विडियो ???????? https://t.co/C9Dh2IsTeo pic.twitter.com/q4efwufSya
— NargiS Kayamkhani (@JournalistNarg1) June 28, 2024
एक और वीडियो जब फर्स्ट भारत के पस आया, जिसमें एएसपी ने जब कहा यहीं सलटा दूंगा तो संयम लोढ़ा आपा खो बैठे। उन्होंने कहा कि ये वर्दी हमारे लोगों की खिदमत करने के लिए मिली है। मुझे बहादुरी मत दिखाओ। इस वर्दी का दुरूपयोग मत करो। अपनी वर्दी का रोब दिखा रहा है, बहुत देखे हैं ऐसे वर्दी वाले।
पूर्व में सिरोही कलेक्टर को भी बोल चुके
पूर्व सीएम सलाहकार संयम लोढा द्वारा सरकारी अधिकारी से इस अंदाज में बात करने का पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी संयम लोढ़ा ने सिरोही के पूर्व कलेक्टर को उनके ही कक्ष में आपत्तिजनक शब्द तक बोल दिया। वहीं दूसरी ओर महिला मोर्चा की ओर से संयम लोढा के नेतृत्व में जिले के आला अधिकारियों को चूड़ियां भेंट करने वाले मामले में भी खासा मामला गरमाया था।
न डरे हैं, न डरेंगे...
इस मुद्दे पर प्रकरण दर्ज होने के बाद ट्वीट करते हुए संयम लोढ़ा ने भी लिखा है न डरे हैं, न डरेंगे। जनता के लिए लड़े थे और लड़ेंगे...।
पूज्य संत पोमजी महाराज की पत्नी के हत्यारों को पकड़ने को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भी पुलिस ने किसी के इशारे पर पूरी आपराधिक स्क्रिप्ट लिख दी। जिला कलक्टर का मुख्य द्वार बंद, तीनों दिशाओं के द्वार बंद, किसी के कोई चोट आई नही, कोई तोड़ फोड़ हुई नही, कोई व्यक्ति अंदर गया नहीं लेकिन झूठा मुकदमा दर्ज करने का अवसर भाजपा और पुलिस ने ढूंढ ही लिया। लोढ़ा लिखते हैं सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, राजकार्य में बाधा उत्पन्न करना। जब अंदर गए ही नहीं तो फिर बाधा कहां उत्पन्न हो गई ? पुलिस किस स्तर तक गिरेगी ! मुकदमा दर्ज करने से क्या होगा ? हमारा संघर्ष रुक जाएगा। हमने हमेशा नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी हैं और आगे भी लड़ेगे।
प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी लोढ़ा का पक्ष लेते हुए कहा है कि "क्या जनता की आवाज़ उठाना जुर्म है? क्या हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करना कानून का उल्लंघन है? भाजपा की #पर्ची_सरकार कांग्रेस नेताओं पर फर्जी मुक़दमे दर्ज करके क्या साबित करना चाहती है? BJP ठीक से समझ ले, कांग्रेस के सिपाही किसी से नहीं डरते।"
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