राजस्थान की राजनीति में भी उफान: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से तूफान, कांग्रसी विधायक के हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने सरकार पर लगाए आरोप
राजस्थान की राजनीति में कांग्रेसी विधायक हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा देकर सियासत में उबाल ला दिया। बुधवार को सचिन पायलट खेमे के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी भी हेमाराम चौधरी के समर्थन में उतर आए हैं। वेद प्रकाश सोलंकी ने कांग्रेसी विधायकों की सुनवाई नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं।
जयपुर।
राजस्थान में एक ओर कोरोना संक्रमण से मौतें थमने का नाम नहीं ले रही तो दूसरी ओर चक्रवाती तूफान ताउ ते ने दो दिनों से जन जीवन प्रभावित कर दिया। इस बीच राजस्थान की राजनीति में कांग्रेसी विधायक हेमाराम चौधरी (Hemaram Chaudhary) ने इस्तीफा देकर सियासत में उबाल ला दिया। बुधवार को सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेमे के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी (Ved Prakash Solanki) भी हेमाराम चौधरी के समर्थन में उतर आए हैं। वेद प्रकाश सोलंकी ने कांग्रेसी विधायकों की सुनवाई नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं। सोलंकी ने कहा कि ज्यादातर विधायकों की हालत हेमाराम जैसी है। अकेले हेमाराम चौधरी ही पीड़ित नहीं हैं। राजस्थान में बहुत से विधायकों की ऐसी ही हालत है। इसमें हर गुट के विधायक हैं, इसमें किसी गुट से मतलब नहीं है। सीनियर विधायकों की सरकार में सुनवाई नहीं हो रही है। कई विधायक अंदर ही अंदर घुट रहे हैं, कई मजबूरी के कारण चुप हैं। जो सहन नहीं कर पाए उन्होंने खुलकर बोल दिया। हेमाराम से बर्दाश्त नहीं हुआ, इसलिए इस्तीफा दे दिया। मेरे कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होगी और काम नहीं होंगे तो मुझे भी इस्तीफा देना पड़ेगा।
हाईकमान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के इस्तीफे की जांच करें
विधायक सोलंकी ने कहा कि हेमाराम चौधरी से वरिष्ठ और ईमानदार विधायक कांग्रेस में कौन है। हाईकमान इस बात की जांच करें कि इतने वरिष्ठ और ईमानदार विधायक को इस्तीफा देने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ा? मेरे जैसा जूनियर विधायक इस्तीफा देता तो फिर भी बड़ी बात नहीं थी, लेकिन हेमाराम चौधरी जैसे नेता को इसलिए इस्तीफा देना पड़े कि उनकी वाजिब मांगों और बातों को नहीं सुना जा रहा था। सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को हेमाराम चौधरी की वाजिब मांगों की सुनवाई करके उन्हें पूरा करना चाहिए। इतने सीनियर नेता को यूं नहीं छोड़ना चाहिए, उन्हें मनाना चाहिए। उनकी वाजिब मांगों को तवज्जो नहीं दी जा रही थी, इसलिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है। सचिन पायलट खेमे और खुद के अगले कदम के बारे में सोलंकी ने कहा, अभी तो सबसे बड़ा मुद्दा यही है कि हेमाराम चौधरी को मनाया जाए, उनकी बात को सुना जाए।
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