नियम ताक पर, कायदे जूते की नोक पर : लिमड़ी कोठी की उंचाई बढ़ गई, कांग्रेस नेता के पुत्र के नाम पर जारी हो रही है बजरी की स्वीकृति
यह कांग्रेस के एक बड़े नेता के सुपुत्र हैं। जिनके लिए स्वीकृति जारी हुई है। उनके पिताजी सांसद रह चुके हैं और बहिन सांसद का चुनाव लड़ चुकी हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री के खासमखास नेताजी बताए जाते हैं।
सिरोही | माउंट आबू में बन रही लिमड़ी कोठी के मामले में अफसरों ने नियम ताक पर रखे अपने रसूखदार आकाओं को खुश करने के लिए। रसूखदार आकाओं की इन अफसरों की बदौलत मजाल इतनी बढ़ गई कि गैरकानूनी तरीके से लिमड़ी कोठी का नक्शा ही बदल दिया।
रिपेयरिंग के नाम पर पुनर्निमाण कर दिया गया है। अफसर चांदी कूटने में लगे हैं और इनके आका पर्यावरण की भद्द पीटकर बाद में कमाने का रास्ता तैयार कर रहे हैं।
पको जानकर हैरत होगी कि इस कोठी के मौजूदा फोटोज को देखें तो इसका नक्शा ही बदल दिया गया है। एक अतिरिक्त मंजिल तय नक्शे से अधिक तैयार कर दी गई है।
अब हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है? ऐसा इसलिए हो रहा है कि लिमड़ी कोठी का रवन्ना जिसके नाम से कट रहा है वह कोई आम व्यक्ति नहीं है।
यह कांग्रेस के एक बड़े नेता के सुपुत्र हैं। जिनके लिए स्वीकृति जारी हुई है। उनके पिताजी सांसद रह चुके हैं और बहिन सांसद का चुनाव लड़ चुकी हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री के खासमखास नेताजी बताए जाते हैं।
फोटोज में आप खुद देख सकते हैं कि किस तरह से नक्शे में तिमंजिली बताई गई कोठी को चार मंजिला खड़ा कर दिया गया है। यह साफ तौर पर सीनाजोरी है, प्रकृति के साथ। परन्तु समय इन सबका खुद हिसाब लिखेगा। नेता इतना प्रभावशाली है कि उसके खिलाफ कोई बोलने को तैयार नहीं है।
कोठी में भी सबसे ऊपर के माले की ऊंचाई बढ़ाई जा रही है। 2008 की तस्वीर में ऊपरी माले पर जो टिन शेड लगा था उसकी जगह आरसीसी डाल दी गई है।
लिमबड़ी कोठी के अंतिम माले की 2008 और अभी की तस्वीरों की तुलना करने पर स्पष्ट नजर आ रहा है कि आरसीसी टीनशेड के आधार की ऊंचाई पर या उससे ऊपर बनाई गई है।
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लेकिन इसी माले की आरसीसी पर कुछ अतिरिक्त आरसीसी पिलर भी स्पष्ट नजर आ रहा है। इसकी ऊंचाई टीनशेड के ऊपरी तिकोने से भी ज्यादा नजर आ रही है।
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