7 साल की बच्ची 1 दिन की मेयर: हैरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने महिला दिवस पर 7 साल की बच्ची को बनाया मेयर
हैरिटेज निगम मेयर ने एक लाइलाज बीमारी से ग्रस्ति बच्ची को 1 दिन की मेयर बनाकर अनुठी मिसाल कायम की। मेयर मुनेश गुर्जर ने 7साल की बच्ची इशिता को मेयर बनाया और इसके बाद निगम कार्मिकों ने मेयर का स्वागत किया।
जयपुर।
विश्व महिला दिवस पर जहां देश—दुनिया में महिलाओं के सम्मान की खबर चल रही थी, वहीं दूसरी ओर राजधानी गुलाबी नगर जयपुर में हैरिटेज निगम मेयर ने एक लाइलाज बीमारी से ग्रस्ति बच्ची को 1 दिन की मेयर बनाकर अनुठी मिसाल कायम की। मेयर मुनेश गुर्जर ने 7साल की बच्ची इशिता को मेयर बनाया और इसके बाद निगम कार्मिकों ने मेयर का स्वागत किया।
जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह 10:30 बजे महापौर मुनेश गुर्जर के साथ उनकी सरकारी कार में इशिता मुख्यालय में पहुंची। यहां महापौर ऑफिस में गुलदस्ता देकर इशिता का स्वागत किया गया। इसके बाद मेयर मुनेश ने अपने दोनों हाथों से गोद में उठाकर इशिता को महापौर की सीट पर बैठाया। सीट पर बैठने के बाद नन्ही इशिता ने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया। इसके बाद मेयर ऑफिस के निजी स्टॉफ, आरएएस सलीम खान सहित कई अन्य प्रशासनिक अफसरों, पार्षदों ने गुलदस्ता देकर एक दिन की मेयर इशिता का स्वागत किया। इस दौरान इशिता के पापा बनवारी लाल जाजोरिया और उसकी मम्मी ममता देवी भी मौजूद रहीं। बेटी को एक दिन की मेयर बनते देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए।
मेयर ने लिया था गोद
जानकारी के अनुसार इशिता अपने परिवार के साथ सोढाला में राकड़ी स्थित रामराजपुरी बस्ती में रहती है। 2014 में जन्मीं इशिता ना सुन सकती है और न ही बोल सकती है। वह केवल ईशारे से अपनी बात मम्मी-पापा को समझाती है। कम आय होने से पिता इशिता का उपचार नहीं करवा पाए। ऐसे में दिसंबर में मेयर मुनेश गुर्जर सोढाला में दौरे पर निकली थी। जहां रामराजपुरा काॅलोनी का निरीक्षण करते वक्त वहां बनवारी लाल के घर पहुंची। यहां मासूम इशिता की बीमारी के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद मेयर मुनेश गुर्जर ने 1 जनवरी को मानवीयता का परिचय देते हुए बच्ची को गोद लेने का निर्णय लिया। अब वे अपने खर्चे पर इशिता का इलाज करवा रही है।
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