Jalore कोतवाली पुलिस की लापरवाही: Jalore के भागली सिंधलान गांव के युवक से मारपीट मामले में रिपोर्ट दी जानलेवा हमले की, पुलिस ने जानलेवा हमले की धारा ही नहीं लगाई
जालोर में ईमित्र बंद करने की धमकी के साथ भागली सिंधलान निवासी युवक पर जानलेवा हमला किया गया। लाठियों से सिर में गंभीर चोट आई। परिजनों की रिपोर्ट के बावजूद पुलिस ने लगाई कमजोर व जमानती धारा। जबकि दर्ज हो आईपीसी की धारा 307 ।
जालोर।
जालोर की कोतवाली पुलिस की लापरवाही का मामला सामने आया है। कोतवाली थाना इलाके के भागली सिंधलान गांव में एक युवक पर उसके ही गांव के युवकों ने जानलेवा हमला किया गया।
गांव से अपहरण कर उठाकर ले गए। युवक पर आरोपियों द्वारा लाठियों से सिर में कई वार किए गए। बावजूद इसके कोतवाली पुलिस ने मामले को मारपीट की सामान्य जमानती धारा लगाते हुए दर्ज कर इती श्री कर दी।
युवक पर जानलेवा करने के बावजूद आरोपित व्यक्ति बेखौफ घुम रहे है। ऐसे में जालोर कोतवाली थाना पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
वहीं पीड़ित युवक के परिजन इसे जानलेवा हमला बताते हुए गैर जमानती आईपीसी की धारा 307 में दर्ज करने की मांग कर रहे है। पीड़ित युवक के गंभीर चोट आने पर इसे जालोर से उदयपुर रेफर कर दिया गया,जहां उसका एक निजी अस्पताल में इलाज किया जा रहा हैं।
जानकारी के मुताबिक जालोर के भागली सिंधलान गांव निवासी वागसिंह ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दी है कि उसका भतीजा 21 वर्षीय महावीर सिंह पुत्र पूरण सिंह 4 जनवरी को सुबह करीबन साढे छह बजे अपनी ईमित्र व दूध की दुकान खोलने गया था।
इस दौरान कैम्पर गाड़ी में सुरेंद्र सिंह, जोरावर सिंह, गोविंद सिंह, भगवत सिंह निवासी भागली एकराय होकर महावीर की दुकान पर आए। इस दौरान इन्होंने दुकान पर आते ही महावीर सिंह पर जानलेवा हमला किया। महावीर सिंह पर लाठी से सिर में वार किए गए।
इसके बाद आरोपितों ने महावीर की दुकान में तोड़फोड़ की। दुकान में तोड़फोड़ से 50 हजार तक का नुकसान हो गया। इतना ही नहीं, आरोपितों ने महावीर को गंभीर घायल होने के बावजूद गाड़ी में उठाकर ले गए।
महावीर का बेहोश हो जाने पर आरोपितों ने भागली गांव चौराहा पर पटक कर भाग गए। इसके बाद महावीर सिंह के परिजनों को वारदात का पता लगने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर होने पर रैफर कर दिया गया।
ईमित्र बंद कराना चाहते थे आरोपित, पहले भी दी धमकी
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक आरोपित सुरेंद्र सिंह और अन्य महावीर का ईमित्र बंद कराना चाहते थे। पहले भी इन्होंने महावीर को जान से मारने की धमकी दी थी। इसके चलते पुरानी रंजीश पर सुरेंद्र और अन्य ने महावीर पर जानलेवा हमला किया।
पुलिस की एफआईआर जानलेवा हमले की तो धारा मारपीट की क्यों!
जालोर की कोतवाली पुलिस के कारनामे भी अजीब है। इस मामले में जब पीड़ित परिवार की ओर से रिपोर्ट दी गई तो पुलिस ने FIR जानलेवा हमले की दर्ज की।
पुलिस की एफआईआर में जानलेवा हमले का जिक्र भी किया गया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि जब एफआईआर रिपोर्ट ही जानलेवा हमले की दर्ज की तो पुलिसकर्मियों ने धारा क्यों बदल दी।
क्या जानलेवा हमले और मारपीट की धारा में अंतर नहीं, या फिर पुलिसकर्मियों को इन धाराओं का ज्ञान नहीं है!
कोतवाली थानाधिकारी का बेतुका बयान
इस मामले को लेकर जालोर कोतवाली थानाधिकारी लक्ष्मण सिंह का बयान आया है कि पीड़ित पक्ष से मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का कहा गया है।
ऐसे में सवाल उठ रहे है कि थानाधिकारी लक्ष्मण सिंह क्या कोर्ट बनकर फैसला कर रहे है। पीड़ित पक्ष जांच में मेडिकल रिपोर्ट पेश कर देता।
लेकिन जब पीड़ित परिवार जान से मारने की रिपोर्ट दे रहा है, आप के थाने में जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज है तो धारा 307 क्यों नहीं लगाई।
पुलिस ने लगाई सामान्य मारपीट की 323 व 341 और अपहरण 365
जालोर कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट तो जानलेवा हमले की दर्ज कर ली। लेकिन इस मामले को लेकर धाराएं सामान्य दर्ज की।
इसमें कोतवाली पुलिस ने 323 व 341 सामान्य मारपीट की जमानती धारा जोड़ी। इसके अलावा अपहरण की 365 व 34 और 427 भी धारा लगाई है।
लेकिन सवाल जानलेवा हमले की धारा पर अटक गया। क्या पुलिस आरोपितों को बचाने का प्रयास कर रही है या फिर मुकदमा दर्ज करने वाले को आईपीसी की धाराओं का ज्ञान ही नहीं है।
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