Women's Reservation Bill: कांग्रेस खोलेगी 21 शहरों में 21 महिला नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला आरक्षण बिल के विरुद्ध मोर्चा।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के अनुसार कांग्रेस पार्टी देश के 21 शहरों में 21 महिला प्रेस कांफ्रेंस के जरिए सरकार के महिला आरक्षण विधेयक के विरुद्ध मोर्चा खोलकर बिल की सच्चाई लोगों को बताएगी।

कांग्रेस खोलेगी 21 शहरों में 21 महिला नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला आरक्षण बिल के विरुद्ध मोर्चा।
कांग्रेस पार्टी देश के 21 शहरों में 21 महिला प्रेस कांफ्रेंस के जरिए सरकार के महिला आरक्षण विधेयक के विरुद्ध मोर्चा खोलकर बिल की सच्चाई लोगों को बताएगी।

दिल्ली। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के अनुसार कांग्रेस पार्टी देश के 21 शहरों में 21 महिला प्रेस कांफ्रेंस के जरिए सरकार के महिला आरक्षण विधेयक के विरुद्ध मोर्चा खोलकर बिल की सच्चाई लोगों को बताएगी।

ज्ञात हो कि महिला आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो गया है जिसे सभी पार्टियों का समर्थन प्राप्त था लेकिन अब कांग्रेस पार्टी इस बिल को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रही है।  दरअसल कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह केंद्र सरकार के विश्वासघात को उजागर करेगी जिसके लिए उनकी पार्टी 21 शहरों में पार्टी की 21 महिला नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।

संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा के साथ साथ राज्यसभा में भी महिला आरक्षण विधेयक को पूर्ण बहुमत के साथ पारित कर दिया गया है। इस विधेयक को लेकर कांग्रेस समेत देश की लगभग सभी पार्टियां मोदी सरकार के समर्थन में खड़ी हो गई थी। उल्लेखनीय है कि महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत प्रभाव से लागू करने की वकालत करते हुए कांग्रेस पार्टी ने केंद्र में मोदी सरकार के विश्वासघात को उजागर करने के लिए उनकी महिला नेता 21 शहरों में 21 प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रही है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी एक पोस्ट शेयर करते हुए कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पवन खेड़ा ने कहा, इक्कीस शहर। इक्कीस महिला नेता। एक एजेंडा - महिला आरक्षण के नाम पर मोदी सरकार द्वारा किए गए विश्वासघात को उजागर करना। इस विरोध की मुख्य वजह कांग्रेस महिला आरक्षण विधेयक को बिना देरी किए तत्काल प्रभाव से इस विधेयक को लागू करने की मांग कर रही है।

ज्ञात हो कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा की 33 प्रतिशत सीटें आवंटित करके महिला आरक्षण विधेयक कल लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि महिला आरक्षण और दशकीय जनगणना या परिसीमन के बीच कोई संबंध नहीं है।

राहुल गांधी का कहना है कि हम इस बात महसूस करते हैं कि भारतीय महिलाएं राजनीतिक व्यवस्था में उस तरह से भाग नहीं ले रही हैं, जिस तरह से उन्हें लेना चाहिए। उन्हें राजनीति में भाग लेने में मदद करने का सबसे बड़ा कार्य कांग्रेस पार्टी द्वारा  किया गया था, जिसमें पंचायती राज में महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया था।

22 सितंबर को भी राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए था कि परिसीमन और जनगणना का हवाला देकर महिला आरक्षण विधेयक को देरी से लागू करने की कोशिश की जा रही है।

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