2019 के मुकाबले निर्माण 25-30% तक महंगा: राजस्थान में पांच लाख रुपए तक महंगा हुआ घर बनाना
कोरोनाकाल के बाद निर्माण से जुड़ी हर सामग्री महंगी होने लगी। बीते 10 माह में तो धीरे-धीरे भाव इतने बढ़ चुके हैं कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुके हैं। सरिये के भाव 32 से 40 रुपए प्रति किलो बढ़ चुके हैं। वहीं दो साल पहले 6500 रुपए में आने वाला बजरी का 10 चक्के वाला डंपर अब 15,000 रुपए में आ रहा है।
सिरोही। बजरी की अवैध यूनियन वालों और क्रेशर संचालकों ने पिछले दिनों हड़ताल कर बजरी व गिट्टी के भाव बढ़ा दिए। अब सरिये के भाव भी आसमान छू रहे हैं। ऐसे में पिछले 8-9 माह के बीच जिनके मकान निर्माणाधीन हैं उनका बजट बुरी तरह गड़बड़ा गया है। जो लोग मकान की नींव रखने की तैयारी में थे वे परेशानी में है। वर्ष 2019 के बाद से खंडे, ईंट, मार्बल, सेनेट्री, सीमेंट के भावों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। 2 साल में मार्बल के भाव 60% और सेनेट्री व ईंट के 40% तक बढ़ चुके हैं। ऐसे में वर्ष 2019 के मुकाबले मकान निर्माण 25-30% तक महंगा हो चुका है।
लगातार महंगे हो रहे कंस्ट्रक्शन बिजनेस से हताश कई कमठा ठेकेदारों और मजदूरों ने अब काम छोड़ दिया है। दरअसल, कोरोनाकाल के बाद निर्माण से जुड़ी हर सामग्री महंगी होने लगी। बीते 10 माह में तो धीरे-धीरे भाव इतने बढ़ चुके हैं कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुके हैं। सरिये के भाव 32 से 40 रुपए प्रति किलो बढ़ चुके हैं। वहीं दो साल पहले 6500 रुपए में आने वाला बजरी का 10 चक्के वाला डंपर अब 15,000 रुपए में आ रहा है।
कारीगर व मजदूरों ने भी मेहनताना बढ़ा दिया है। 400 रुपए प्रतिदिन मजदूरी लेने वाले श्रमिक अब 700-800 रुपए और 900 रुपए लेने वाले कारीगर अब 1100 रुपए ले रहे हैं। इसके चलते वर्ष 2019 में मकान का लॉक एंड की काम 1000 से 1200 रुपए प्रति स्क्वेयर फुट के हिसाब से होता था, वह अब 1500 से 1600 रुपए तक पहुंच चुका है। वर्ष 2019 में 25*50 यानी 1250 गज साइज के मकान निर्माण की दर 1215 रुपए प्रति स्क्वेयर फुट थी। लॉक एंड की मकान 15 लाख 18 हजार 750 रुपए में बन जाता था। वर्ष 2022 में 25*50 के मकान निर्माण की दर 1600 रुपए प्रति स्क्वेयर फुट हो गई है। पूरा निर्माण 20 लाख रुपए में होगा। दो साल में 4 लाख 80 हजार रुपए बढ़ गए।
भवन निर्माण का काम करने वाले ठेकेदारों के लिए मुनाफा निकालना तक मुश्किल हो गया है। जया कंस्ट्रक्शन के नितिन बोहरा ने बताया कि भवन निर्माण की दरें पहले ही तय हो जाती है। सामग्री की कीमत बढ़ने पर हम भवन मालिक से तय से ज्यादा नहीं वसूल सकते। नुकसान हमें ही झेलना पड़ता है। कंस्ट्रक्शन करने वाले मनीष माथुर ने बताया कि पहले तो मार्जन 12 से 15 प्रतिशत के बीच होता था, वो मात्र 6 से 7 प्रतिशत के बीच का रह गया है।
सेनेट्री आइटम और लाइट फिटिंग के काम में भी तेजी आई है। वायर व बोर्ड की कीमतों में 25% तक बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा वुडन के काम और टाइल्स की दरें बढ़ी है। पीओपी की दरों में भी इजाफा हुआ है। दो साल में फैंसी आइटम के भावों में 22 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें पंखे, ट्यूबलाइट, एलईडी ब्लब, स्वीच, फैंसी लाइट, गीजर, नल, मिक्सर व वॉश बेसिन आदि शामिल हैं।
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