Vijay Singh Pathik पुस्तक का विमोचन: Rajasthan के कला एवं संस्कृति मंत्री Dr. BD Kalla ने देश की आजादी में पथिक की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण
राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बुधवार को बीकानेर जिले में ‘राजस्थान का स्वतंत्रता संग्राम और विजय सिंह पथिक’ पुस्तक का विमोचन किया। आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला के तहत राजस्थान राज्य अभिलेखागार परिसर में आयोजित कार्यक्रम के डॉ. कल्ला बतौर अतिथि भाग लिया।
जयपुर।
राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बुधवार को बीकानेर जिले में ‘राजस्थान का स्वतंत्रता संग्राम और विजय सिंह पथिक’ पुस्तक का विमोचन किया।
आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला के तहत राजस्थान राज्य अभिलेखागार परिसर में आयोजित कार्यक्रम के डॉ. कल्ला बतौर अतिथि भाग लिया।
उन्होंने कहा कि देश को आजादी दिलाने में विजय सिंह पथिक की भूमिका बेहद महत्त्वपूर्ण रही।
उनके समग्र व्यक्तित्व-तित्व पर मूल दस्तावेजों पर आधारित यह पुस्तक भावी पीढ़ी के लिए फायदेमंद साबित होगी।
उन्होंने अभिलेखागार द्वारा देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों की संघर्ष गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के कार्यों की सराहना की।
कल्ला ने कहा कि राजस्थानी भाषा को विश्व की समृद्धतम भाषाओं में से एक बताया गया हैं। इसमें प्रचुर साहित्य विद्यमान है।
दुनिया भर में दस करोड़ से अधिक लोग राजस्थानी भाषा बोलते और समझते हैं।
राजस्थान की विधानसभा द्वारा इसे संविधान की आठवीं अनुसूचित में शामिल करवाने का प्रस्ताव वर्षों पूर्व पारित करवाया जा चुका है।
अब केन्द्र सरकार द्वारा शीघ्र ही इसे संवैधानिक मान्यता देनी चाहिए। कल्ला ने राजस्थानी फिल्मों के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
विजय सिंह पथिक पुस्तक की आवश्यकत
राजस्थान राज्य अभिलेखगार विभाग के निदेशक और संपादक डॉ. महेंद्र खड़गावत ने पुस्तक की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि 1982 में ओरल हिस्ट्री परियोजना के तहत उस दौर के जीवित स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरणों को ध्वनिद्ध करने का कार्य दिया गया।
इसका प्रभावी क्रियान्वयन किया गया। राजस्थान और आसपास के राज्यों द्वारा विजय सिंह पथिक के मूल अभिलेखों पर आधारित पुस्तक आवश्यकता महसूस की गई थी।
कला मंत्री म्यूजियम का किया अवलोकन
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ कल्ला ने अभिलेखागार और म्यूजियम का अवलोकन किया। इस दौरान डिजिटल अभिलेखागार, अभिलेख प्रबंधन और अभिलेख संग्रहालय की सराहना की।
कल्ला ने बही, पट्टा रजिस्टर का भी अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने डिजिटाइजेशन कार्य को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया।
अभिलेखागार की दीर्घाओं में शिवाजी महाराज दीर्घा, महाराणा प्रताप दीर्घा, टेस्सीतोरी दीर्घा आदि का अवलोकर किया।
इस दौरान नगर विकास न्यास सचिव नरेन्द्र सिंह पुरोहित, अतिरिक्त निदेशक (माशि) रचना भाटिया, (प्राशि) अशोक सांगवा, शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक तेजा सिंह, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता सुधीर माथुर, एमएस कॉलेज प्राचार्य डॉ. शिशिर शर्मा, साहित्यकार बुलाकी शर्मा, राजाराम स्वर्णकार सहत कई मौजूद रहे।
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