राजस्थान चिकित्सा क्षेत्र बजट क्रियान्वय: प्रदेश की मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी के 329 विभिन्न पदों के सृजन की स्वीकृति जारी, 836 नवीन पद भी स्वीकृत
इसी के मद्देनजर प्रदेश की मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिटी विंग के 329 विभिन्न पदों के सृजन की स्वीकृति जारी कर दी गई है, जबकि बजट घोषणा में अट्ठारह नर्सिंग कॉलेजों के मय छात्रावास निर्माण प्रारंभ करने के 400 करोड़ की राशि व 836 नवीन पदों की भी स्वीकृति जारी कर दी है।
जयपुर।
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के निर्देश पर बजट घोषणा के महज 7 दिन बाद ही चिकित्सा विभाग ने बजट घोषणाओं का क्रियान्वयन शुरू कर दिया है।
इसी के मद्देनजर प्रदेश की मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिटी विंग के 329 विभिन्न पदों के सृजन की स्वीकृति जारी कर दी गई है, जबकि बजट घोषणा में अट्ठारह नर्सिंग कॉलेजों के मय छात्रावास निर्माण प्रारंभ करने के 400 करोड़ की राशि व 836 नवीन पदों की भी स्वीकृति जारी कर दी है।
चिकित्सा मंत्री मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं को धरातल पर लाने का कार्य विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता में है।
इसी के चलते ये विभिन्न स्वीकृतियां जारी की गई हैं। मेडिकल कॉलेज जोधपुर के लिए 32, बीकानेर के लिए 23, अजमेर के लिए 18, कोटा के लिए 30, उदयपुर के लिए 25 और जयपुर के लिए 21 आचार्य, सह आचार्य, सहायक आचार्य और सीनियर रेजिडेंट के पदों के लिए स्वीकृति दी गई है। इस तरह कुल 149 पदों पर स्वीकृति जारी की गई है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा की क्रियान्विति में चिकित्सा महाविद्यालय, भरतपुर में सुपर स्पेशियलिटी सेवायें प्रारंभ किये जाने हेतु एवं बजट घोषणा संख्या 16 की क्रियान्विति में चिकित्सा महाविद्यालय भीलवाड़ा, बाड़मेर, सीकर, डूंगरपुर, पाली एवं चुरू में आगामी वर्ष में न्यूरोलोजी, यूरोलोजी, कार्डियोलोजी एवं गेस्ट्रोएन्ट्रोलोजी सुपर स्पेशियलिटी की सुविधाये शुरू किए जाने के लिए 180 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
मीणा ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा वित्तीय वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा की क्रियान्विति में राजमेस सोसायटी के अधीन 18 नर्सिंग महाविद्यालय एवं वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा में सम्मलित कुम्हेर सहित 19 नर्सिंग कॉलेज मय छात्रावास निर्माण के लिए प्रति कॉलेज लगभग 21 करोड़ और कुल 400 करोड़ रुपए स्वीकृत किए एवं 836 नवीन पदों के सृजन की भी स्वीकृति दी गई है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में विभिन्न पद सृजित होने से ना केवल आमजन को विशेषज्ञों की सुविधा स्थानीय स्तर पर मिलने लगेगी, वहीं चिकित्सा व्यवस्थाओं में भी सुधार होगा।
पढें राजनीति खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें First Bharat App.