रूस राष्ट्रपति पुतिन का तानाशाही फरमान: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का तानाशाही आदेश, जंग, हमला या घुसपैठ जैसे शब्दों का मीडिया में इस्तेमाल पर लगाई पाबंदी
यूक्रेन पर हमला करने वाला रूस अब धीरे धीरे तानाशाह बनता जा रहा है। दुनिया का अमन चैन छीनने के बाद अब राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने नया फरमान जारी कर दिया। पुतिन के तानाशाही फरमान के मुताबिक अब मीडिया पर पाबंदियां लगाइ जाएगी।
नई दिल्ली, एजेंसी।
यूक्रेन पर हमला करने वाला रूस अब धीरे धीरे तानाशाह बनता जा रहा है। दुनिया का अमन चैन छीनने के बाद अब राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने नया फरमान जारी कर दिया। पुतिन के तानाशाही फरमान के मुताबिक अब मीडिया पर पाबंदियां लगाइ जाएगी।
रूस की मीडिया रेग्युलेटरी डिवीजन ने यूक्रेन हमले को लेकर एक फरमान जारी किया है कि इसके तहत कोई भी मीडिया हाउस इस दौर में जंग, हमला या घुसपैठ जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगा। इतना ही नहीं, अगर किसी ने इन शब्दों का इस्तेमाल किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनके मीडिया हाउस को बंद कर दिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने फरवरी के दूसरे सप्ताह से ही मीडिया पर सख्ती शुरू कर दी थी।
रूस ने यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूसी राष्ट्रपति की सनक और जुनून का उसी के देश में विरोध होने लगा। इस विरोध को दबाने के लिए उसने कई कोशिश की। स्थानीय मीडिया भी इस को काफी कवरेज दे रहा था।
रूस के मॉस्को टाइम्स के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति के फैसलों को रूस में ही विरोध हो रहा है। इसको दबाने के लिए मीडिया रेग्युलेटर ने रूसी भाषा में आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के मुताबिक हमला, जंग और घुसपैठ जैसे शब्दों का मीडिया में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस आदेश के उल्लंघन पर सजा के साथ मीडिया हाउस को बंद करने के अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
रूसी रेग्युलेटर ने मीडिया हाउसेज को निर्देशित किया गया कि केवल वो ही जानकारी लोगों तक पहुंचाएं जो उन तक सरकार की ओर से पहुंचाई जा रही है।
भारत के प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से की बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलडोमेर जेलेंस्की के साथ बात की। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री को यूक्रेन में जारी संघर्ष की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।प्रधानमंत्री ने जारी संघर्ष के कारण लोगों की मौत और सम्पत्ति के नुकसान पर गहरा दु:ख व्यक्त किया।
उन्होंने हिंसा की तत्काल समाप्ति और संवाद को फिर से शुरू करने के अपने आह्वान को दोहराया तथा शांति प्रयासों में किसी भी तरह का योगदान देने की भारत की इच्छा व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में मौजूद छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के प्रति भारत की गहरी चिंता से भी अवगत कराया। उन्होंने भारतीय नागरिकों को तेजी से और सुरक्षित रूप से निकालने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा सुविधा देने की मांग की।
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