Sirohi @ सरुपगंज के रोहिड़ा सरपंच मामला: अवैध शराब गोदाम मामले में रोहिड़ा सरपंच ने जारी किया वीडियो, मामले में पुलिस पर लगाए फंसाने के आरोप

पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल, शराब गोदाम मालिक या किराएनामे के अनुसार हो कार्रवाई, आखिर किसको बचाने के लिए भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष व सरपंच को बनाया मुजरिम,क्या वाकई पुलिस पर दबाव है...?

अवैध शराब गोदाम मामले में रोहिड़ा सरपंच ने जारी किया वीडियो, मामले में पुलिस पर लगाए फंसाने के आरोप

सरुपगंज, सिरोही।

सिरोही जिला और शराब तस्करी मामला पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में बना हुआ है। जिले के पुलिस अधीक्षक तक इस मामले की आंच पहुंच गई और आंच चिंगारी से बढ़कर आग के गोले के रूम में तब्दील हो गई। बहरहाल शराब तस्करी में लिप्त सिरोही जिला पुलिस अपनी खराब साख को सुधारने के प्रयास कर रही है, लेकिन इसी प्रयास में लोगों को परेशान त​क किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है सरुपगंज पुलिस थाना इलाके का। जहां अवैध शराब गोदाम के नाम पर एक जनप्रतिनिधि को फंसाया गया। आबकारी अधिनियमों के तहत बिना जांच किए जनप्रतिनिधि पर मुकदमा तक दर्ज कर लिया गया। जबकि ना तो अवैध शराब का गोदाम जनप्रतिनिधि के नाम है और ना ही गोदाम के मालिक जनप्रतिनिधि हैं। लेकिन सरुपगंज पुलिस द्वारा जनप्रतिनिधि को अवैध शराब गोदाम मामले में फंसाया।  मामले में जनप्रतिनिधि ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी सफाई दी है, और मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की।
जानकारी के मुताबिक सिरोही जिले के सरुपगंज कस्बे के रोहिड़ा मार्ग पर इंदिरा कॉलोनी में एक बंद गोदाम में डीएसटी की सूचना पर सरुपगंज पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अवैध अंग्रेजी व देशी शराब के 360 कार्टून जब्त किए। इस पूरे मामले में सरुपगंज पुलिस ने भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष व रोहिड़ा सरपंच पवन राठौड़ के खिलाफ आबाकरी अधिनियम के इस तहत मामला दर्ज कर दिया। उधर भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष व रोहिड़ा सरपंच पवन राठौड़ ने पूरे मामले में राजनीतिक द्वेषता के चलते फंसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर लिखा कि अवैध शराब मामले में मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने लिखा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता।

यह है मामला

गत 25 सितंबर को सरुपगंज कस्बे के रोहिड़ा रोड पर इंदिरा कॉलोनी के एक गोदाम में डीएसटी टीम प्रभारी करणीदान की सूचना पर सरुपगंज थानाधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित ने अपनी टीम के साथ दबिश दी,गोदाम के मुख्य गेट पर ताला होने से ताले को तोड़ने के बाद गोदाम की तलाशी ली जिसमें दीवार के पास 206 कार्टून देशी शराब, 49 पव्वो के कार्टून, व्हिस्की के 105 कार्टून जब्त किए गए। इसी तरह कुल 360 पेटी शराब बरामद की गई थी। इस मामले में पुलिस ने रोहिड़ा सरपंच पवन के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया।

शराब मामले में कार्रवाई के बाद आरोपों से घिरी पुलिस
दरअसल सरुपगंज कस्बे के इंदिरा कॉलोनी में शराब कार्रवाई के बाद एकबारगी तो पुलिस ने अपनी पीठ थपथपवा ली, लेकिन आनन फानन में की गई कार्रवाई के बाद भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष व रोहिड़ा सरपंच पवन राठौड़ को मुजरिम बना दिया गया। हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे है। जबकि शराब गोदाम की जांच करने के बाद इस मामले में नया खुलासा हो रहा है। 

ज़िलाध्यक्ष व सरपंच ने फंसाने का लगाया आरोप
इस पूरे मामले को लेकर भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष व रोहिड़ा ग्राम पंचायत सरपंच पवन राठौड़ ने शराब बरामदगी मामले में खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि राजनैतिक द्वेषता के चलते मुझे शराब मामले में फंसाया जा रहा है जबकि उनका इस गोदाम से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें बदनाम करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नही हो सकता है।

गोदाम के किराएनामा पवन के नहीं, किसी ओर के नाम
पूरे मामले की जब फर्स्ट भारत ने पड़ताल की तो जिस गोदाम से शराब बरामद की गई है उस गोदाम से भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष व सरपंच पवन राठौड़ का नाम नहीं है। उक्त किराएनामे में भरत घांची के नाम से इकरार किया हुआ है। जबकि पुलिस इसे पवन राठौड़ का होना बता रही है।

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